बालिका को जख्मी कर तीन दिन से गांव में घूम रहा बाघ, ग्रामीणों की जान जोखिम में


रिपोर्ट-रमेश चन्द्र गुप्ता

रमेश चन्द्र गुप्ता


बहराइच: विकासखंड शिवपुर के ग्राम पंचायत मसूद नगर बस्थनवा में तीन दिन पूर्व एक बालिका को घायल करने के बाद जहां बाघ खुलेआम घूम रहा है वही वन विभाग मात्र पिंजड़ा लगाकर बाघ के खुद उसमे आने का इंतजार कर रहा है। वन विभाग की घोर लापरवाही ग्रामीण व उनके मासूम बच्चो के लिये कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है। पिंजड़ा लगाकर अदृश्य हुए वन कर्मी और वन विभाग द्वारा ‘‘लग्गी से पानी पिलाना’’ चर्चा का विषय बना है।


उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व आम के बाग मेें अमिया बीनने गये बच्चो पर हमला कर बाघ ने जगमोहन की 16 वर्षीय पुत्री मोनी को घायल कर दिया था। जिसके बाद से गांव के लोगो में बाघ को लेकर दहशत व्याप्त है। बालिका को जख्मी करने के बाद से बाघ लगातार गांव में कभी किसी बाग में तो कभी किसी खेत में खुलेआम घूम रहा है परन्तु वन विभाग ने मात्र पिंजड़ा लगाकर गांव वालो की जान को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।


ग्रामीणो की सूचना के बाद वन विभाग की ओर से बाग में पिंजड़ा तो लगा दिया गया, परन्तु न तो उसमे बाघ को फंसाने के लिये मांस डाला गया और न ही बकरी आदि जानवर बांधा गया, जिससे बाघ शिकार के लालच में पिंजड़े मे आये और कैद हो जाये। ग्रामीणों का आरोप है कि बाघ खुलेआम मकई, गन्ना आदि खेतो मे घूम रहा है और वन विभाग ग्रामीणो की जान जोखिम में डालकर आंख मूंदे चैन की नींन्द सो रहा है। प्रधान प्रतिनिधि कर्मराज वर्मा ने बताया कि कई बार नानपारा रेंजर से सम्पर्क कर बाघ को पकड़े जाने की गुहार लगाई गई, लेकिन फारेस्ट गार्ड ईश्वर सिंह को भेजे जाने की बात कहकर फोन रख दिया जाता है।

ग्रामीणो का आरोप है कि पिंजड़ा लगाये तीन दिन हो गये, लेकिन आज तक कोई वन कर्मी गांव नही पहुचा है। ऐसे में वन विभाग की घोर लापरवाही के चलते ग्रामीण व उनके मासूम बच्चे कभी भी बाघ का शिकार बन सकते है। सवाल उठता है कि आखिर वन विभाग पिंजड़ा लगाने के बाद से मौके पर क्यों नही पहुंचा और बाघ को पकड़ने मेें दिलचस्पी क्यों नही ले रहा है।