गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा- इस्तीफ़ा मेरी जेब में है
दिल्ली:
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक कई मौकों पर सार्वजनिक मंचों से मोदी सरकार की योजनाओं की आलोचना की है. बुलंदशहर के औरंगाबाद क्षेत्र स्थित मुड़ी बकापुर गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सत्यपाल मलिक ने एकबार फिर कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने एकबार फिर कहा कि इस्तीफा उनकी जेब में है और अगर किसी को उनकी बात से दुख पहुंच रहा है, चोट पहुंच रही है, वे अपने पद से तुरंत हट जाएंगे.
सत्यपाल मलिक ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि अगर सरकार ने किसानों की एमएसपी की बात नहीं मानी तो किसान और सरकार के बीच बड़ी लड़ाई होगी और मैं उस लड़ाई में गवर्नरशिप से इस्तीफा देकर कूद पड़ूंगा. जब तक एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं दिया जाएगा तब तक किसानों की समस्या हल नहीं होगी.
राजपथ का नाम बदलने वाला मुद्दा भी उठाया गया. इस पर सत्यपाल मलिक ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं समझता हूं कि राजपथ कोई अंग्रेजों का दिया हुआ नाम नहीं है इसको नहीं बदला जाना चाहिए. वहीं यूपी में क्योंकि इस समय मदरसों का सर्वे करवाया जा रहा है, इस पर उनकी तरफ से एक नपा तुला बयान दिया गया है.
मलिक कहते हैं कि सर्वे कराकर अगर मदरसों को बेहतर करने की बात हो रही है, बेहतर सुविधा देने की बात हो रही है, तो ये ठीक है. इसे सियासत नहीं कह सकते. स्कूलों का भी सर्वे कराया जाना चाहिए. राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक चलाई जा रही भारत जोड़ो यात्रा पर मलिक ने सिर्फ शुभकामना दी है.
वैसे सत्यपाल मलिक ने इससे पहले भी केंद्र सरकार पर कई मौकों पर तीखे वार किए हैं. किसानों के मुद्दे को लेकर ही दो हफ्ते पहले उन्होंने केंद्र पर हमला किया था. उन्होंने कहा था कि MSP इसलिए लागू नहीं होगी कि प्रधानमंत्री का एक दोस्त है अडानी, जो एशिया का सबसे मालदार आदमी बन गया है पांच साल में.
सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा, ”एमएसपी जब तक लागू ना हो और उसको कानूनी दर्जा ना मिले, तो दोबारा लड़ाई होगी और इस बार जबरदस्त लड़ाई होगी. देश के किसान को आप पराजित नहीं कर सकते है. उसे डरा नहीं सकते, उसके यहां ईडी नहीं भेज सकते, किसी इनकम टैक्स वाले को नहीं भेज सकते. उसको काहे से डराओगे. वो तो पहले से फकीर है. उसको तो वैसे ही कहीं का नहीं छोड़ा. इसलिए वो लड़ेगा और एमएसपी लेके रहेगा.”