युवा मंच संयोजक राजेश सचान को बिना शर्त रिहा किया जाए: IPF
- सीएम, अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी को भेजा पत्र
लखनऊ
युवा मंच संयोजक राजेश सचान की कल प्रयागराज में हुई गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना करते हुए उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी ने मुख्यमंत्री, अपर मुख्य सचिव गृह और महानिदेशक पुलिस को पत्र भेजा।
भेजे पत्र में कहा गया है कि युवा मंच संयोजक राजेश सचान के बारे में एसएसपी प्रयागराज द्वारा ट्वीटर पर दिया हुआ बयान पूरी तौर भ्रामक और आपत्तिजनक है जिसमें कहा गया है कि राजेश सचान ने आंदोलन को भड़काया और आंदोलन फंडेड है आदि। जबकि सच्चाई यह है कि युवा मंच प्रयागराज में युवाओं का लोकप्रिय संगठन है। विगत 4 माह तक प्रदेश में रिक्त 5 लाख पदों को भरने और गरिमामयी रोजगार के लिए प्रयागराज में युवा मंच के बैनर तले शांतिपूर्ण धरना चलाया गया था। लखनऊ में भी विभिन्न युवा संगठनों के साथ मिलकर ईको गार्डन में रोजगार के सवाल पर धरना दिया गया था।
पत्र में कहा गया कि राजेश सचान मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग के छात्र रहे है और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उन्होंने एमए किया है, वह आइसा के छात्रनेता थे। इस समय वह युवा मंच के संयोजक है। युवा मंच ने किसान आंदोलन को सक्रिय समर्थन किया। न यह संगठन किसी एनजीओ से सम्बद्ध है और न ही कही से फंडेड है। जिस गूगल मीट का जिक्र किया गया है उस में ऐसी कोई बात नहीं है जो छात्रों को उकसाती हो। इसलिए एसएसपी प्रयागराज की बयानबाजी छात्रों पर अपनी बर्बर दमन की कार्यवाही पर पर्दा डालने के लिए है और राजेश सचान पर जितनी भी धाराएं लगाई गई है वह सब फर्जी और मनगढ़त है।
पत्र में अनुरोध किया गया कि राजेश सचान पर 120 बी समेत सभी धाराओं में लादे मुकदमों को तत्काल वापस लेकर उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए।