अंग्रेज़ों के वर्नाकुलर ऐक्ट की नकल है योगी जी की डिजिटल मीडिया नीति: शाहनवाज़ आलम
लखनऊ:
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 ला कर मुख्यमंत्री जी कोई नया काम नहीं कर रहे हैं. उनसे पहले अंग्रेज़ों ने भी 1878 में अपने आलोचकों को जेल भेजने के लिए वर्नाकुलर ऐक्ट बनाया था.
कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम न कहा कि तत्कालीन वॉइसरॉय लॉर्ड लिट्टन ने अंग्रेज़ी ज़ुल्म के खिलाफ़ लिखने वालों को राजद्रोह के आरोप में जेल भेजने के लिए यह क़ानून बनाया था. सबसे रोचक समानता यह तो है कि समर्थन में लिखने वालों को अंग्रेज़ सरकार भी हर महीने पैसा देती थी. इसके अलावा राय बहादुर और सरकार बहादुर की पदवी भी देती थी. उन्होंने कहा कि हो सकता है योगी सरकार का अगला क़दम अपने पक्ष में लिखने वालों को सरकार बहादुर की उपाधि देना भी हो.
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यह मात्र संयोग नहीं हो सकता कि केंद्र की मोदी सरकार ने भी जो किसान विरोधी तीन कृषि कानून लाए थे वो 1907 में अंग्रेजों द्वारा लाए गए दोआब बारी एक्ट, पंजाब लैंड कॉलोनाइजेशन एक्ट और पंजाब लैंड एलियनेशन एक्ट जैसे ही थे जिसका मकसद किसानों से ज़मीन छीनना था. इससे यह प्रतीत होता है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें जनता का उत्पीड़न करने के लिए अंग्रेज़ों की नीतियों और योजनाओं को ही लागू करना चाहती हैं.
उन्होंने कहा कि अपने विरोधियों को चुप कराने और जेल भेजने की नीति से स्पष्ट है कि योगी सरकार बढ़ते जन आक्रोश से काफी डरी हुई है और हताशा में ऐसे आत्मघाती क़दम उठा रही है.