महिला आयोग ने कहा, अगर बुलावे पर महिला नहीं जाती तो न होता बदायूं काण्ड
नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग ने बदायूं की घटना को दुर्भाग्य पूर्ण बताते हुए कहा कि वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है और यह घटना सुनियोजित है क्योंकि महिला को फोन करके बुलाया गया था और अगर वह वहां नहीं जाती तो ऐसी घटना नहीं होती। । उन्होंने कहा कि मैं महिलाओ से कहती हूँ कि गैर टाइम किसी के यहां नहीं जाना चाहिए। उनका मानना है कि अगर वह महिला शाम को उनके बुलावे पर नहीं जाती और अगर जाने के समय परिवार के किसी बच्चे को साथ ले जाती तो ऐसी घटना नहीं होती।
अधिकारीयों से की बैठक
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी आज गैंग रेप के बाद जघन्य तरीके से की गई महिला की हत्या के मामले की जांच करने उसके गांव पहुंची थी। बदायूं में आंगनवाड़ी सहायिका की गैंगरेप और हत्या मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने सीधा संज्ञान लिया है और एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मुलाकात करने और अधिकारियों से समीक्षा करने यहां भेजा । देर रात बदायूं पहुंची आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर घटना की पूरी जानकारी की।
सरकार करे कड़ी कार्रवाई
चन्द्रमुखी देवी आज अपनी टीम के साथ पीड़ित परिवार से मिलने गांव पहुंची और घटना की जानकारी ली। इस मौके परर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जिससे आगे कोई ऐसी घटना न हो। सरकार ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।
पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नहीं
उन्होंने कहा कि वह पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं, अगर समय रहते पुलिस की कार्रवाई होती तो शायद महिला की जान बच जाती । पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार यह बीभत्स घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह जो महिला परिवार और जनता का भरण पोषण कर रही थी उसके साथ ऐसा होना गलत है। उन्होंने कहा कि मैं महिलाओ से कहती हूँ कि गैर टाइम किसी के यहां नहीं जाना चाहिए। उनका मानना है कि अगर वह महिला शाम को उनके बुलावे पर नहीं जाती और अगर जाने के समय परिवार के किसी बच्चे को साथ ले जाती तो ऐसी घटना नहीं होती। यह सुनियोजित था उसे फोन करके बुलाया गया। किसी एसओ को निलबिंत करना काफी नहीं है ।
अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं
महिला आयोग की सदस्य ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उन्होंने कहा है कि किसी दबाव में कोई दोषी बाहर नहीं निकलना चाहिए। मिशन शक्ति और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों के बाद भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं इसका मतलब यह है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ नहीं है। पुलिस निर्दोशो पर लाठी भांजने की जगह अपराधियों पर कार्रवाई करने से पुलिस पर भरोसा होगा।