उचित जांच के बिना व्यापारी वर्ग से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ यूपी में अब दर्ज नहीं होगी एफआईआर
लखनऊ:
अब उत्तर प्रदेश में व्यापारियों और उद्यमियों को मुकदमों से अधिक सुरक्षा मिलेगी। इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक सर्कुलर जारी किया है। यूपी पुलिस को निर्देश दिया गया है कि उचित जांच के बिना व्यापारी वर्ग से संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है।
राज्य में उद्यमियों सहित व्यापारिक समुदाय पर उत्पीड़न और अनुचित दबाव को कम करने और उनके खिलाफ दर्ज आधारहीन एफआईआर की संख्या को कम करने के उद्देश्य से शनिवार को सर्कुलर जारी किया गया। सर्कुलर के मुताबिक, व्यापारियों और उद्यमियों के खिलाफ किसी भी व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस सीधे तौर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं कर सकती।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह कदम राज्य में ‘कारोबार करने में आसानी’ को ध्यान में रखते हुए भी उठाया गया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक मामले में दिए गए निर्देश के अनुरूप भी है।
गौरतलब है कि योगी सरकार ने व्यापार करने में सहजता को बढ़ावा देने के लिए विकास परियोजनाओं के परेशानी मुक्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को बार-बार दोहराया है। उत्तर प्रदेश में निवेश, उद्यम और कारोबार को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार कई कदम उठा रही है।
राज्य सरकार निवेश की संभावना वाले क्षेत्रों में 25 नई नीतियां लेकर आई है ताकि निवेशकों को आसानी हो सके। इसी का नतीजा है कि दुनिया भर के उद्योगपतियों ने उत्तर प्रदेश में 36 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। सीएम योगी खुद कई बार ये दोहरा चुके हैं कि कारोबारियों को उचित माहौल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। साल 2027 तक योगी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन तक के जाने की बात भी कह चुके हैं। इसके लिए राज्य सरकार समय-समय पर निवेश सम्मेलन का आयोजन भी करती रहती है।