क्या भारत का बेड़ा पार लगाएगा अफ़ग़ानिस्तान?
तौकीर सिद्दीक़ी
पड़ोसी अफ़ग़ानिस्तान में चाहे जितनी बुरी सरकार हो (तालिबानी सरकार) पर आज टीम इंडिया को इस पड़ोसी देश के खिलाडियों से बड़ी उम्मीदें हैं. UAE में खेले जा रहे टी 20 विश्व कप में हालात ही ऐसे बन गए हैं कि अफ़ग़ानिस्तान की मदद के बगैर भारत इस आलमी कप के सेमीफाइनल में हरगिज़ नहीं पहुँच सकता।
पाकिस्तान और न्यूज़ीलैण्ड से हारने के बाद भारत के सेमीफाइनल के दरवाज़े लगभग पूरी तौर से बंद हो गए थे, बस दरवाज़े के कपाटों से छनकर एक हलकी सी रौशनी आ रही थी और भारत को उसी रौशनी में आगे का रास्ता तय करना था, जो भारत ने अभी तक बखूबी किया। रास्ता यह था कि उसे बाकी बचे हुए मैचों में भारी मार्जिन से अफ़ग़ानिस्तान, स्कॉटलैंड और नामीबिया को हराना, भारत ने अफ़ग़ानिस्तान और स्कॉटलैंड को रौंदकर नेट रन रेट में आगे जाने की एक लड़ाई तो जीत ली है जो उसके हाथ में थी, नामीबिया के खिलाफ मैच में अब उसे नेट रन की ज़्यादा टेंशन नहीं, बस उसे केवल हराना होगा।
टेंशन तो भारत को उस मैच की होगी जिसका वह हिस्सा भी नहीं होगा यानि 7 नवंबर को अफ़ग़ानिस्तान और न्यूज़ीलैण्ड के बीच होने वाला मैच. भारत के सेमीफाइनल में पहुँचने की राह पूरी तरह से इस मैच पर ही निर्भर है. अफ़ग़ानिस्तान अगर न्यूज़ीलैण्ड को हरा देता है तभी भारत के लिए मौक़ा बनेगा वरना भारत को मिली यह विशालकाय कामयाबियां बेमानी साबित होंगी।
अफ़ग़ानिस्तान अगर कीवी टीम को हराता है और भारत अपने आखरी मैच में नामीबिया शिकस्त देता है तो इन तीनों टीमों के 6-6 अंक हो जायेंगे, ऐसे में फैसला नेट रन रेट पर होगा। भारत का नेट रन रेट अभी सबसे अच्छा हो चूका है. चूँकि भारत सुपर 12 राउंड का सबसे आखरी मैच खेलेगा तो उसे नेट रन रेट में अगर किसी तरह की समस्या होगी तो वह उसे आसानी से पार कर सकता है. भारत अब जिस अंदाज़ में खेल रहा है तो उसे नामीबिया को भी पीटना कोई बड़ी बात नहीं होगी। बड़ी बात सिर्फ यही है कि अफ़ग़ानिस्तान न्यूज़ीलैण्ड को हरा दे. हालाँकि मैच जीतने के बाद भी उसके या नूज़ीलैण्ड के अंतिम चार में पहुँचने के मौके भारत की तुलना में कम हो जायेंगे क्योंकि अंतिम मैच का फायदा भारत को सौ प्रतिशत मिलेगा।
तो है न हैरानी वाला समीकरण। अगर ऐसा हो गया तो वह टीम सेमी फाइनल में पहुँच जाएगी जिसको पहले दो मैच हारने पर सभी ने टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था. लेकिन इस समीकरण का दारोमदार अफ़ग़ानिस्तान और न्यूज़ीलैण्ड के मैच पर ही निर्भर है. अब ज़ाहिर सी बात भारत का एक एक बंदा 7 नवंबर को अफ़ग़ानिस्तान के पीछे खड़ा नज़र आएगा और उसी कामयाबी की दिल से दुआएं मांग रहा होगा क्योंकि भारत का सेमीफाइनल का सफर अफ़ग़ानिस्तान की जीत पर ही निर्भर है.