वर्ल्ड कप में शामिल होने की बात पर पाकिस्तान का बार बार नाटक क्यों?
भारत में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप के कार्यक्रम का एलान भी हो चुका है मगर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अभी तक ये फैसला नहीं कर सका है कि टीम इंडिया जाएगी या नहीं। अब ताज़ा जानकारी के मुताबिक टीम को इंडिया भेजने का फैसला विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो करेंगे जो उस कमेटी के चैयरमैन हैं जो इस बात के लिए गठित की गयी है कि पाकिस्तान टीम को भारत भेजा जाय या नहीं।
इस समिति में बिलावल भुट्टो के अलावा आठ लोग और भी शामिल हैं, इसके साथ ही पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख और विदेश सचिव भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक, ये समिति भारत में विश्व कप से जुड़े सभी मुद्दों पर सिफारिशें करेगी, जिसके आलोक में विश्व कप में भाग लेने का फैसला किया जाएगा। जिसके बाद अंतिम सिफारिशों को मंजूरी के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ के पास भेजा जाएगा जो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ पैटर्न भी हैं. सवाल ये उठता है कि पाकिस्तान इस तरह के नाटक बार बार क्यों करता है, अगर उसे टीम इंडिया नहीं भेजनी है तो साफ़ तौर पर एलान कर दे कि भारत ने एशिया कप के लिए अपनी टीम पाकिस्तान नहीं भेजी तो हम भी नहीं भेजेंगे, मगर एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड या पाकिस्तान की सरकार में इतना बड़ा फैसला लेने की हिम्मत है कि वो ICC की निगरानी में होने वाले ODI वर्ल्ड कप में न खेलने का फैसला कर सके.
यकीनन पाकिस्तान में इतना बड़ा फैसला लेने की हिम्मत नहीं है वरना एशिया कप के मामले में अपने घुटने नहीं टेकता। उसने देख लिया कि अगर वो ज़िद पर अड़ा रहता तो जो चार मैच उसे पाकिस्तान में आयोजित होने हैं वो भी न मिलते और पूरी मेज़बानी उससे छीन ली जाती। और फिर एशिया कप और ICC टूर्नामेंट को तराज़ू के एक पलड़े में नहीं रखा जा सकता। ICC से पन्गा लेने का मतलब, पाकिस्तान में क्रिकेट की जो वापसी हुई है उससे भी हाथ धो लेना और पाकिस्तान कभी नहीं चाहेगा कि उसके देश से क्रिकेट फिर बाहर चली जाय. मेरे हिसाब से तो पीसीबी या पाकिस्तान की सरकार ये सब अपनी जनता को खुश करने के लिए कर रही है, इस तरह की हरकतें वो आगे भी करती रहेगी लेकिन झक मारकर उसे विश्व कप खेलने भारत आना ही पड़ेगा। बता दें कि पाकिस्तान और भारत के बीच विश्व कप का मैच 15 अक्टूबर को अहमदाबाद में होना है।