महिला आरक्षण पर परिसीमन की पाबन्दी क्यों, राहुल ने केंद्र को फिर घेरा
दिल्ली: लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने वाले 128वें संविधान संशोधन विधेयक को बृहस्पतिवार को संसद की मंजूरी मिल गई। इस बिल में एसी और एसटी समुदाय की महिलाओं के लिए कोटा के अंदर भी कोटा का प्रावधान है। हालांकि ओबीसी समुदाय की महिलाओं के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसे लेकर सियासत भी हो रही है। महिला आरक्षण बिल को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोदी सरकार पर हमला बोला है। केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वो ध्यान भटकाने का काम कर रही है। अगर सरकार को विधेयक को लागू करना है तो अभी करे, इसके लिए परिसीमन क्यों? उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल आज से ही लागू किया जा सकता है।
लोकसभा में चर्चा के दौरान भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाया था और शुक्रवार, 22 सितंबर को उन्होंने अपनी बात फिर दोहराई। राहुल ने कहा कि साल 2010 में यूपीए सरकार द्वारा लाए गए बिल में OBC कोटा प्रदान नहीं किए जाने का उन्हें अफसोस है।
कांग्रेस की प्रेस वार्ता में राहुल ने पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात का अफसोस है कि 2010 में UPA की सरकार द्वारा लाए गए विधेयक के तहत OBC कोटा प्रदान नहीं किया गया था, इस पर राहुल गांधी ने कहा, “100% अफसोस है। यह उस समय किया जाना चाहिए था और अब हम इसे पूरा करके छोड़ेंगे।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, “मैंने सिर्फ यह सवाल पूछा कि क्या हिंदुस्तान में OBC की आबादी 5% है? अगर नहीं हैं तो OBC हिंदुस्तान में कितने हैं और है उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए। भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए। जनगणना का लेकर हमने जो डाटा निकाला था उसे सार्वजनिक कर दें जिससे सभी को पता चल जाए कि OBC कितने हैं और नई जनगणना जाति के आधार पर करें।”
राहुल संसद में भी जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठा चुके हैं। संसद के विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए राहुल ने कहा था, “सरकार कई मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। इसमें से एक मुद्दा है जातिगत जनगणना। मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता कि क्या कारण है कि जैसे ही विपक्ष जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाता है, भाजपा अन्य मुद्दों को लाकर अचानक ध्यान भटकाने की कोशिश करती है ताकि OBC समुदाय और भारत के लोग दूसरी तरफ देखने लगें।”
इस मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह संसद में जवाब भी दे चुके हैं। ओबीसी कोटा के मुद्दे पर अमित शाह ने कहा था, “OBC आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, मैं सबका जवाब देता हूं। सबसे पहला जवाब विद्यमान संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं, जो सामान्य, SC और ST कैटेगरी से आते हैं। ये तीनों कैटेगरी में हमने महिलाओं का 33% आरक्षण कर दिया है। अब एक तिहाई सीटों को आरक्षित करना है तो वह सीट कौन तय करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की है।”