पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनने पर मायावती दुखी क्यों: आलोक प्रसाद
लखनऊ ब्यूरो
दलित समाज के मान, सम्मान, सुरक्षा सुनिश्चित करना कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। पंजाब प्रांत में दलित समाज का मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस पार्टी ने साबित कर दिया हैं कि हमारा दलित प्रेम दिखावा नही हैं, हम कथनी में नहीं, करनी में विश्वास करते हैं।
उक्त प्रतिक्रिया आलोक प्रसाद अध्यक्ष अनुसूचित जाति विभाग, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पंजाब प्रान्त में दलित समाज का मुख्यमंत्री बनाये जाने पर उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए की, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दिल में दलित समाज रहा हैं और आगे भी रहेंगा। अपनी इसी सोच के चलते हुए कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए संविधान सभा का अध्यक्ष बनाया, संविधान सभा में बाबा साहब जिस क्षेत्र से प्रतिनिधित्व कर रहे थे वह देश के बंटवारे में पाकिस्तान का हिस्सा बन गया तब कांग्रेस पार्टी ने दलित समाज में लिये संविधान में किये गये प्रावधान सही ढंग से लागू हो इसके लिये बाबा साहब के कांग्रेस पार्टी के सदस्य नही होने के बावजूद भी भारत के प्रथम मंत्रीमण्डल में केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री के रूप में शामिल किया गया यह की कांग्रेस पार्टी की दलित समाज के अगुवा के प्रति सोच है।
उन्होंने कहा कि दलित समाज को समाज में बराबर का हक मिले इसके लिये ब्रिटिश व्यवस्था को हटाकर सभी को एक वोट का समानता का अधिकार देकर, छुआछूत को प्रतिबंधित करके, बंधुआ मजदूर व्यवस्था को अवैध घोषित करके, मन्दिरों में सभी को प्रवेश का अधिकार देकर, अनु0जाति/जनजाति के लिये आरक्षण का प्रावधान करके, प्रदेश स्तर पर विधानसभा में आरक्षण प्रदान कर स्व. प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संविधान में 73वां, 74वां संशोधन करके स्थानीय निकायों में आरक्षण प्रदान करके, पंचायती राज में आरक्षण का अधिकार देकर दलित समाज को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया।
आलोक ने कहा कि मायावती को अनुसूचित जन जाति के मुख्यमंत्री बनने पर इतना दुख क्यों है ,जबकि उनको इसका स्वागत करना चाहिए, मायावती सोंच इसलिए ऐसी है कि हमेशा उस पार्टी से समझौता करतीं है (भाजपा) जो बाबा साहब के बनाये हुए धर्मनिरपेक्ष संविधान को समाप्त करने पर तुली हुई है मायावती 2002 दंगे के बाद गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ प्रचार किया था I यह उसी मानसिकता का परिचायक है।