CSK से फाइनल में किसकी होगी टक्कर, MI या GT
मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच आईपीएल 2023 का क्वालीफायर-2 आज अहमदाबाद में खेला जाएगा। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होने वाले इस मैच में जो भी जीतेगा उसे फाइनल का टिकट मिल जाएगा, वहीं हारने वाली टीम का खेल यहीं खत्म हो जाएगा. यह गुजरात टाइटंस का होम ग्राउंड है, इसलिए रोहित शर्मा भी इस मैदान से भलीभांति परिचित हैं। दोनों टीमों के पास स्तरीय खिलाड़ी हैं, ऐसे में प्रशंसकों को एक शानदार मैच की उम्मीद है।
गुजरात टाइटंस पिछले साल से ही आईपीएल में आई है। हार्दिक पांड्या की कप्तानी में टीम ने पहले साल में ही खिताब अपने नाम कर लिया था। इस बार (आईपीएल 2023) भी टीम ने ग्रुप चरण के बाद अंक तालिका में पहला स्थान हासिल किया। टीम को क्वालीफायर 1 में सीएसके के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, जिससे उसे क्वालीफायर 2 में फिर से फाइनल में पहुंचने का मौका मिलेगा। मुंबई इंडियंस ने एलिमिनेटर में लखनऊ सुपरजाइंट्स को बाहर कर खिताबी मुकाबले के करीब पहुंच गई।
मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस के बीच आईपीएल में अब तक कुल 3 मैच खेले गए हैं। इनमें से गुजरात टाइटंस ने 1 जबकि मुंबई इंडियंस ने 2 बार जीत हासिल की है। बेशक मुंबई का हेड टू हेड रिकॉर्ड बेहतर है लेकिन गुजरात टाइटंस अपने घरेलू मैदान पर काफी खतरनाक होगी। पिछले साल गुजरात टाइटंस ने इसी मैदान पर आईपीएल का फाइनल जीता था।
गुजरात टाइटंस ने ग्रुप स्टेज में 14 मैच खेले, जिसमें से उसने 10 जीते और 4 हारे। मुंबई इंडियंस किस्मत से प्लेऑफ में पहुंच गई, अगर आरसीबी अपना आखिरी मैच जीत जाती तो मुंबई बाहर हो जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मुंबई ने एलिमिनेटर में 81 रनों की भारी जीत दर्ज करके गुजरात को डरा दिया होगा। मुंबई ने ग्रुप स्टेज में 14 में से 8 मैच जीते थे।
गुजरात टाइटंस ने इस सीजन में नरेंद्र मोदी क्रिकेट ग्राउंड पर कुल 7 मैच खेले, जिनमें से 4 बार उसे जीत मिली। गुजरात को ग्रुप स्टेज में कुल 4 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें से 3 मैच इसी मैदान पर खेले गए थे। इस सीजन में मुंबई इंडियंस ने एक मैच नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला था। उसमें गुजरात टाइटंस ने 55 रन से बड़ी जीत दर्ज की।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के अनुकूल मानी जाती है। चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम से बिल्कुल विपरीत माहौल होगा. तेज गेंदबाजों के लिए रफ्तार और उछाल होगा तो आउटफील्ड भी तेज होगी।
एक लाख लोगों के इस स्टेडियम में स्पिनरों से ज्यादा मदद नहीं मिलेगी, लेकिन राशिद खान और पीयूष चावला जैसे स्पिनर किसी भी मैदान पर विकेट लेने में माहिर हैं. हालांकि यहां अगर लाल मिट्टी की पिच पर ऐसा होता है तो स्पिनर्स को मदद मिल सकती है. अगर बाउंड्री थोड़ी बड़ी है तो हो सकता है कि छक्के ज्यादा न दिखें.