जानिए! बुलंदशहर के मंदिरों में मूर्तियां तोड़ने वाले कौन थे, पुलिस ने घटना का किया अनावरण
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के बराल नाम के गांव में चार मंदिरों में कई मूर्तियां तोड़ दी गई थीं. इस घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने खूब हंगामा किया था. टीवी और सोशल मीडिया पर इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गयी थी, पुलिस ने दो समुदायों के बीच रंजिश को बढ़ावा देने सहित कई और धाराओं में मामला दर्ज किया था. अब पुलिस ने इस घटना का अनावरण कर दिया है और इसमें 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, गिरफ्तार होने वाले सभी आरोपी हिन्दू समुदाय के है और मुख्या आरोपी का नाम हरीश है .
पुलिस ने घटना का अनावरण करते हुए बताया कि इस घटना का मुख्य आरोपी हरीश है, इसी के ठिकाने पर कुछ लोग शराब पीते थे, घटना वाले दिन भी इन लोगों ने शराब पी थी और शराब के नशे में जाकर इस घटना को अंजाम दिया था.
घटना बीती 1 जून की है, इस घटना के बाद बवाल बढ़ना तय था. उसे देखते हुए पुलिस ने गांव में भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात की. घटना की जांच के लिए 5 टीमें बनाई गईं. और दो समुदायों के बीच रंजिश को बढ़ावा देने की नीयत से किए जाने वाले अपराध सहित अन्य कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया. शहर के SP एसएन तिवारी ने कहा कि अगर जांच के दौरान जरूरी लगता है तो FIR में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (NSA) की धारा भी जोड़ देंगे.
उधर सोशल मीडिया पर मामला सांप्रदायिक हो चुका था. कई आम लोगों के साथ कुछ चर्चित व्यक्तियों ने भी इस घटना को मुस्लिमों से जोड़कर बयानबाजी की थी. इसकी एक बानगी देखिए. त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और BJP से राज्यसभा सांसद बिप्लब कुमार देब ने राहुल गांधी के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट लेकर सियासी कॉमेंट किया. राहुल गांधी के ट्वीट में त्रिपुरा के मुसलमानों पर कथित क्रूरता की बात कही गई थी. उसी पर बीजेपी नेता ने कहा कि जो लोग (मतलब राहुल गांधी) त्रिपुरा में मस्जिद टूटने की ‘झूठी खबर’ को देश दुनिया में फैलाकर राज्य को बदनाम करने में जुटे थे, वो बुलंदशहर में मूर्तियों के टूटने की घटना पर मौन क्यों हैं.
हालांकि अब हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई है. पुलिस ने जिन हिंदू भगवानों की मूर्तियों को तोड़ने के आरोप में जिन लोगों को धरा है वे हिंदू समुदाय के हैं. मुख्य आरोपी का नाम हरीश उर्फ़ ईलू है. वो बराल गांव का ही रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक ईलू और अन्य आरोपियों अजय, शिवम और केशव ने पूछताछ में बताया है कि मूर्तियां तोड़ने के पीछे उनका कोई ख़ास मकसद नहीं था, ये वारदात उन्होंने शराब के नशे में कर दी.
पुलिस का ये भी कहना है कि घटना में और लोग भी शामिल हो सकते हैं. इसकी जांच की जा रही है. सब्बल की फॉरेंसिक जांच होगी. जिससे साबित होगा कि यही युवक घटना में शामिल थे. फिलवक्त गिरफ्तार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.