WHO ने फिर दी वार्निंग, समाज को लोकडाउन खोलने से मचेगी तबाही
जिनेवा: कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकली इस कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में अब तक 861,251 लोगों की मौत हो गई है और 25,900,741 इस संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।
तेजी से बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वस्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस की महामारी के बीच समाजों को इतनी जल्दी खोलना ‘तबाही का कारण’ बनेगा।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गब्रेयसस ने जोर देकर कहा कि जो देश लॉकडाउन खोलने के प्रति गंभीर है उन्हें संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए भी गंभीर होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इसे संतुलित करना असंभव नहीं है।’
टेड्रोस ने देशों, समाजों और लोगों को चार बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया जिनमें बड़े आयोजनों से बचने, सबसे असुरक्षित लोगों की रक्षा, स्वयं की रक्षा और संक्रमितों का पता लगाने और उनके संपर्क में आए लोगों को पृथक करने के लिए पता लगाने, अलग करने, जांच करने और संक्रमित पाए जाने पर उचित देखभाल शामिल है।
डब्ल्यूएसओ प्रमुख ने कहा कि नये सर्वेक्षण में पता चला है कि इसमें शामिल 90 प्रतिशत देशों में कोविड-19 की वजह से अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुईं। उल्लेखनीय है कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों की स्वास्थ्य सेवाओं पर कोविड-19 के असर का आकलन करने के लिए 105 देशों में यह सर्वेक्षण किया गया था।
टेड्रोस ने कहा कि मार्च और जून में पांच क्षेत्रों में कराए गए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि मौजूदा महामारी की तरह स्वास्थ्य आपदा से निपटने के लिए बेहतर तैयारी की जरूरत है।
सर्वेक्षण से पता चला कि 70 प्रतिशत देशों में नियमित टीकाकरण सबसे अधिक प्रभावित हुआ। इसके बाद जांच और गैर संचारी रोगों जैसे हृदय रोग आदि का इलाज प्रभावित हुआ। करीब एक चौथाई देशों ने कहा कि महामारी की वजह से आपात चिकित्सा सेवा प्रभावित हुई है।