फाइलेरिया का दर्द समझ आया तो बचाव की दवा खाने का मन बनाया
हमीरपुर:
आषाढ़ की गर्मी में जीना दुश्वार हो जाता है। हाथी पांव की शिकायत है। पैर में दाने उभर आते हैं। चलना मुश्किल होता है। तीव्र आघात (एक्यूट अटैक) के कारण तीन दिन भीषण बुखार आता है। खाने-पीने का मन नहीं करता है। कई बार तो जीने की आस तक टूटने लगती है। यह दर्द फाइलेरिया ग्रसित पुष्पारानी ने बुधवार को गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को सुनाया।
मुख्यालय के निकटवर्ती कलौलीतीर गांव की पुष्पारानी ने बताया कि 25 साल से दाहिने पैर में फाइलेरिया की शिकायत है। सबसे ज्यादा दिक्कत आषाढ़ (जून-जुलाई) माह में होती है। भीषण गर्मी के मौसम में पैर लाल पड़ जाता है और दाने उभर आते हैं। तीन दिन तक भयंकर बुखार रहता है। कब और कैसे इसकी चपेट में आ गई, कुछ पता नहीं। पुष्पारानी आसपास के लोगों को भी फाइलेरिया रोधी दवा खाने को प्रेरित करती हैं। गांव की रानी देवी भी फाइलेरिया की इसी तकलीफ के साथ जीवन जी रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित अंग की देखभाल से फायदा हुआ है। अभियान के दौरान दवा का सेवन भी करती हैं।
बुधवार को जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) आरके यादव, पीसीआई के जिला समन्वयक पीएस कटियार स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ कलौलीतीर गांव पहुंचे थे। इस गांव में नौ फाइलेरिया के मरीज हैं। कुछ घर पर मिले और कुछ कामकाज के सिलसिले में बाहर गए थे। कई परिवार ऐसे थे जो दवा खाने को राजी नहीं थे। टीम ने उन्हें इन्हीं मरीजों का उदाहरण देकर दवा खाने को राजी किया तब कहीं जाकर लोगों ने दवा खानी शुरू की।
डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया एक मच्छर जनित बीमारी है। मच्छर के जरिये ही इसके परजीवी संक्रमित शरीर से स्वस्थ शरीर में प्रवेश करते हैं। इसके लक्षण पांच से पंद्रह साल के बाद दिखायी देते हैं। इससे शरीर का लटकता हुआ भाग जैसे हाथ, पैर, पुरुषों में अंडकोष (हाइड्रोसील), महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन जैसी समस्या हो सकती है। यह एक लाइलाज बीमारी है। साल में एक बार दवा का सेवन करने से इससे बचा जा सकता है।
10 से 27 फरवरी तक चले फाइलेरिया रोधी अभियान में जनपद में दस लाख से अधिक लोगों को दवा का सेवन कराया जा चुका है। बुधवार से छह दिवसीय मॉपअप अभियान की शुरुआत हुई है। अब टीमें इस अभियान के दौरान दवा खाने से वंचित लोगों को मोटीवेट करके दवा का सेवन करा रही हैं।
इस दौरान गांव की एएनएम अंजू वर्मा, सीएचओ प्रिया पटेल, आशा कार्यकर्ता शैलेंद्र कुमारी, पानकुमारी, जयत्री और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगीता देवी मौजूद रही।