धोनी जिस चीज को छूते हैं वो सोना बन जाती है: सुरेश रैना
चेन्नई सुपर किंग्स ने मंगलवार को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में मौजूदा चैम्पियन गुजरात टाइटन्स पर 15 रन की जीत से टाटा आईपीएल 2023 के फाइनल में जगह बना ली है। सीएसके रुतुराज गायकवाड़ के 60 रन (44 गेंदें, 7×4, 1×6) की बदौलत गुजरात के सामने 173 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखने में सफल रही। लेकिन टाइटंस इसे भेदने में सफल नहीं हुए और बोर्ड पर 157 रन बनाकर आउट हो गए, जिसमें शुभमन गिल (42 रन, 38 गेंदें, 4×4, 1×6) का सबसे बड़ा योगदान रहा। यह आईपीएल के इतिहास में चेन्नई का 10वां फाइनल होगा और 2022 सत्र में गुजरात टाइटन्स फ्रेंचाइजी की स्थापना के बाद से मौजूदा चैम्पियन के खिलाफ यह उसकी पहली जीत है।
एमएस धोनी का रिकॉर्ड कप्तान के रूप में टाटा आईपीएल में शानदार रहा है और यह चेन्नई को 10वीं बार फाइनल में ले जाने से और बेहतर हुआ है। इस समय उनके नाम चार खिताब हैं और वह अपना पांचवां खिताब जीतने की ओर एक कदम आगे बढ़ गए हैं। जियोसिनेमा टाटा आईपीएल विशेषज्ञ सुरेश रैना ने आईपीएल के अंतिम चरण में टीम का लगातार नेतृत्व करने की धोनी की क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा, “देखें कि वे कितनी बार फाइनल में पहुंचे, 14 सीजन में से 10 फाइनल, मुझे लगता है कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। एमएस धोनी ने इसे साधारण रखा है। वह श्रेय पाने के हकदार हैं और रुतुराज (गायकवाड़) ने मुझसे कहा था कि सीएसके धोनी के लिए खिताब जीतना चाहती है। पूरा भारत धोनी को आईपीएल जीतते देखना चाहता है। लेकिन आज हमने यह देखा है कि इस मैदान पर चेन्नई को हराना बहुत चुनौतीपूर्ण है.. वह जिस चीज को छू लेते हैं वो सोना हो जाती है और इसलिए उनका नाम महेंद्र सिंह धोनी है।”
छठे ओवर में हार्दिक पांड्या के विकेट ने चेन्नई की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। पूर्व विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने धोनी द्वारा महेश तीक्षणा को दिए उन निर्देशों के बारे में सावधानीपूर्वक बताया, जिनसे पांड्या का विकेट गिरना सुनिश्चित हुआ। उन्होंने कहा, “एमएस धोनी ने तीक्षणा को स्टंप की लाइन पर गेंदबाजी करने के लिए कहा और ऑफ साइड को घेरे की तरह बना दिया क्योंकि उन्होंने हार्दिक को शॉट खेलने की कोई जगह नहीं दी और हार्दिक के पास गैप खोज कर गेंद को नीचे से हिट करने का मौका नहीं था क्योंकि उस घेरे में छह फील्डर थे। अब हार्दिक के पास केवल एक ही विकल्प था, गेंद को हवा में खेलना, लेकिन गेंद स्टंप पर थी, जिसका मतलब था कि उन्हें शॉट मारने के लिए खुद से ही जगह बनानी थी। इसलिए उन्होंने अपना विकेट गंवाया। ऐसे हालात को एमएस धोनी से बेहतर कोई नहीं समझ सकता कि उस खास परिस्थितियों में उनकी टीम को क्या चाहिए और किस गेंदबाज की जरूरत है। वह इसे अच्छी तरह समझते हैं और इसलिए ये टीम लगातार वापसी कर सकती है और हर खिलाड़ी एमएसडी के योगदान को पहचानता है।”
सुपर किंग्स को हराना आसान नहीं है, खासकर उनके घरेलू स्टेडियम में जहां क्वालीफायर खेला गया। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बैटर एबी डिविलियर्स ने समझाया कि कैसे टीमें चेपक स्टेडियम में उतरते समय सीएसके और धोनी से भयभीत रहती हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यहां भय का माहौल है। चाहे वो वजह मैदान हो या फिर एमएसडी, विपक्षी टीमें यह सोचकर आती हैं कि मेजबानों हराने के लिए उन्हें असाधारण क्रिकेट खेलनी होगी। लेकिन जब आप स्कोरबोर्ड देखते हैं, तो आप खुद को छोटे अंतर से हारा हुआ पाते हो। यह 10 या 15 रन है, नो-बॉल रहित गेंदबाजी का होना, यह छोटी चीजें हैं जो मुकाबले को पलट देती हैं। एमएसडी और उनके सैनिक चीजें सही करने की कोशिश करते हैं, जब वे घर पर खेलते हैं, जब वे बड़े फाइनल में खेलते हैं, तो आप देखेंगे कि वे क्या लेकर आते हैं।”