क्या होता है Sero Survey?
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविड-19 के प्रसार का आकलन करने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) चौथे चरण का राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण करेगा। आईसीएमआर के मुताबिक, 21 राज्यों के 70 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा और इसमें छह साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा।
सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीबीएम) के सलाहकार डॉ. राकेश मिश्रा ने इस संबंध में कहा, ‘यह हमें संक्रमण दर का पता लगाने में मदद करता है और पता चलता है कि कितने में एंटी-बॉडी हैं या हम हर्ड इम्यूनिटी से कितने दूर हैं। यह हमें यह भी बताएगा कि देश की किस पार्टी में सकारात्मकता कम है। यह हमें उन लोगों में एंटी-बॉडीज के बारे में भी बताएगा जिन्हें पहले से ही टीका लगाया जा चुका है। देश में बड़े पैमाने पर सीरो सर्वेक्षण बहुत उपयोगी होगा।’
सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण यह बताता है कि उस क्षेत्र में कोरोना वायरस कितना फैला हुआ है। इससे समझा जाता है कि जनसंख्या में कितने लोग संक्रमण के संपर्क में आए हैं। इसके लिए रक्त के नमूने एकत्र किए जाते हैं और रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किए जाते हैं।
ICMR का चौथा राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण उन्हीं 70 जिलों में किया जाएगा जहां पहले तीन किए गए थे। इसमें छह वर्ष और उससे अधिक आयु की सामान्य जनसंख्या शामिल होगी। जिला अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी भी इसका हिस्सा होंगे।