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- ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज क्या कहा, जानिए 10 पॉइंट में
- सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद पक्ष से कहा कि हम अपनी याचिका अपने पास लंबित रखते हैं और निचली अदालत को निर्देश देंगे कि वह आपकी याचिका का निपटारा करे.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम अपने आदेश के जरिए ग्राउंड पर संतुलन और शांति बनाए रखना चाहते हैं. आप सभी ये न भूलें कि हम समाज में शांति बनाए रखने के मिशन पर हैं. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, कमीशन की रिपोर्ट सेलेक्टिवली लीक की जा रही है.
- सर्वोच्च अदालत ने कहा, इस मामले को अनुभवी और परिपक्व हाथों द्वारा सुना जाना चाहिए. हम ट्रायल जज पर सवाल नहीं उठा रहे हैं. लेकिन ज्यादा अनुभवी हाथों द्वारा यह केस देखा जाना चाहिए तभी सभी पक्षों को फायदा होगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद के भीतर पूजा करने के मामले को जिला जज द्वारा देखा जाना चाहिए. डिस्ट्रिक्ट जज मस्जिद कमेटी की याचिका पर फैसला लेंगे कि हिंदू पार्टी का दावा कितना मजबूत है. तब तक शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा और मुस्लिमों के लिए नमाज की छूट वाला अंतरिम आदेश जारी रहेगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पहले 1991 के पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के उल्लंघन बताने वाली मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुनवाई की जाएगी.
- जब तक इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक सुप्रीम कोर्ट का शिवलिंग क्षेत्र को सुरक्षित रखने और नमाज न रोकने के आदेश जारी रहेगा.
- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों के वकील हुजैफा अहमदी ने इस आदेश का विरोध किया और कहा इस मामले को कोई एक मामले के तौर पर नहीं देखना चाहिए. इसका असर चार से पांच मस्जिदों पर पड़ेगा. ये धार्मिक इमारत के चरित्र को बदलने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, निचली अदालत को आर्डर 7 रूल 11 मामले की सुनवाई 8 हफ्ते में पूरी करनी होगी. कोर्ट ने कहा तब तक हमारा अंतरिम आदेश संतुलित तरीके से लागू रहेगा.
- आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया की 17 मई का उनका आदेश आगे के लिए भी लागू होगा. साथ ही आज ये भी आदेश दिया गया की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट वजू बनाने का इंतजाम करेंगे.
- मुस्लिम पक्षकारों का कहना है की हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार नहीं होनी चाहिए क्योंकि धर्मस्थल कानून 1991 के अनुसार किसी धार्मिक स्थल का चरित्र जैसा 15 अगस्त 1947 में था वैसा ही रहेगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने आदेश में निचली अदालत के 16 मई के उस आदेश रद्द कर दिया. इस आदेश में मस्जिद के एक बड़े इलाके को सील करने का आदेश दिया था और सर्द 20 नमाजियों को नमाज पढ़ने का आदेश दिया था.