वित्तीय विश्लेषक शिव नंदा

पर्सनल लोन क्या होता हैं?

बैंक और वित्तीय संस्थान कई तरह के वित्तीय उत्पाद पेश करते हैं, इन्हीं में से एक है Personal Loan। बैंक दो तरह के लोन देते हैं। पहला सिक्योर्ड लोन और दूसरा है अनसिक्योर्ड लोन। पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन कैटेगरी में आते हैं, और बिना किसी गारंटी के दिए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि बैंक इसके बदले में आपसे कोई एसेट गिरवी रखने को नहीं कहते हैं। यह लोन बैंक ग्राहक की इनकम, क्रेडिट व एम्प्लॉयमेंट हिस्ट्री और लोन चुकाने की क्षमता को देख कर दिया जाता है। इन तमाम पहलुओं की समीक्षा के बाद ही लोन अप्रूव किया जाता है। यह लोन काफी आसानी से मिल जाता है, यही कारण है कि अन्य सिक्योर्ड लोन के मुकाबले इनमें ब्याज की दर ज्यादा होती है। बैंक और NBFC कई तरह की जरूरतों के लिए पर्सनल लोन देती हैं। इन जरूरतों में शादी-ब्याह, घर की मरम्मत, छुट्टी इत्यादि शामिल हैं। बैंक के आलावा आप खुद से पर्सनल लोन (personal loan) ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। चलिए देखते हैं की लोन लेने से पहले किन चीजों का ध्यान रखना चाइए।

पर्सनल लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?

  1. बैंक या एनबीएफसी: सावधानी के साथ चुनें
    आज कल पर्सनल लोन (personal loan) की पेशकश बैंक और एनबीएफसी ग्राहकों को SMS और ईमेल के द्वारा दीं जाती हैं। बहुत से बैंक यही बोलते हैं की हम यह लोन बहुत कम दरों पर देगे। अप्लाई करने से पूर्व सारी जांच परताल कर ले अन्यथा आप कुछ अच्छी डील खो सकते हैं।
  2. कम ब्याज वाले लोन का चुनाव करें
    ग्राहकों को लुभाने के लिए पर्सनल लोन की पेशकश अक्सर फ्लैट रेट पे की जाती हैं जिससे की ग्राहक आसानी से झांसे में फस जाता हैं। इसका कारण हैं कि ग्राहक अपनी EMI के साथ पर्सनल लोन (personal loan) की बची हुई रकम में कटौती को ध्यान में नहीं रखता। इसलिए लोन लेने से पहले अपनी ईएमआई का पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर से अंदाज़ लगा लेना चाहिए इससे आपका पर्सनल लोन आपकी इंटरेस्ट रेट के मुताबिक मिल जाता हैं और आप आसानी से अपने लोन की ईएमआई भर पाते हैं।
  3. जीरो फीसदी ईएमआई स्कीम के झांसे में न आएं

शून्य फीसदी ईएमआई स्कीम की पेशकश बैंक कंज्यूमर ड्यूरेबल और लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स के डिस्ट्रीब्यूटरों के साथ मिलकर करते हैं। फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ कई ऑनलाइन और ऑफलाइन रिटेलर फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे उत्पादों पर ‘नो-कॉस्ट ईएमआई’ या ‘जीरो कॉस्ट ईएमआई’ की पेशकश करते हैं। शून्य फीसदी EMI स्कीम बहुत चालाकी से बनाया जाता है। इन ‘नो-कॉस्ट ईएमआई’ स्कीमों के साथ हमेशा ‘कॉस्ट’ जुड़ी रहती है। ‘नो-कॉस्ट ईएमआई’ स्कीमों की वास्तविक लागत जानना जरुरी है।

  1. अन्य शुल्कों और फीस का भी ध्यान रखें
    वैसे तो इंटरेस्ट रेट बहुत जरुरी हैं पर उसेक साथ और फीस भी देखनी चाइए। अक्सर इस तरह के लोन में प्रोसेसिंग फीस और फाइल चार्ज जोड़ा जाता हैं और ग्राहक इस बात को महसूस किए बिना ही इस लोन में फंस जाता हैं। पर्सनल लोन (personal loan) लेने से पहले सभी शुल्क को आराम से देख ले ताकि आप अपनी क्षमता के मुताबिक लोन भर सके।
  2. लोन समय से पहले बंद करने के विकल्प को देखें
    समय से पहले लोन अदा कर देना चाइए ताकि आपका ब्याज बच सके। इस चीज को फोरक्लोजर कहते हैं। कई जगह अब भी फोरक्लोजर पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी लगती हैं। इस हिस्से का समय से पहले मूल्यांकन कर लेना चाइए।
  3. एक साथ बहुत सारे बैंको में संपर्क न करें
    कई बार हम लोग कम ब्याज दर को ढूंढ़ने में बहुत सारे बैंकों से सम्पर्क करते हैं। यह चीज कभी-कभी नुकसानदेह साबित हो जाती हैं क्योकि इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता हैं। इसलिए पहले अपने ही बैंक से जानकारी ले। अगर बैंक इंकार कर दे तो आप खुद से ऑनलाइन लोन अप्लाई कर सकते हैं।

निष्कर्ष
अब आप जान गए होंगे की पर्सनल लोन क्या होता हैं। हमे पर्सनल लोन (personal loan) लेते समय बहुत सारी
बातों का ध्यान रखना चाइए। अगर आप लोन लेना चाहते हैं तो सबसे पहले उचित बैंक का चुनाव करें। इसके बाद पर्सनल लोन (personal loan) की ब्याज गढ़ना ईएमआई कैलकुलेटर से करें। यह ध्यान रखे की आप जीरो फीसदी ईएमआई स्कीम के झांसे में न आएं। लोन लेने के पहले प्रोसेसिंग फीस जैसे शुल्कों को देख लें। एक पहलू ओर हैं जिसका आपको ध्यान देना हैं वह यह हैं की समय से पहले लोन को बंद कर ले। एक ओर बात का जरूर ध्यान दे की आप पर्सनल लोन लेने से पहले बहुत सारे बैंको से सम्पर्क न करें।