हथियार के तौर पर डॉलर के इस्तेमाल से वाशिंगटन को पछताना पड़ेगा, पुतिन की वार्निंग
मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अमरीका द्वारा दूसरे देशों पर प्रतिबंधों के लिए डॉलर को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए वाशिंगटन को चेतावनी दी है और कहा है कि उसका यह क़दम उसे पछताने पर मजबूर कर देगा।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक़, पुतिन ने वाशिंगटन को चेतावनी देते हुए कहा कि रूस डॉलर के इस्तेमाल को बंद करना नहीं चाहता है, लेकिन अमरीका ने अगर प्रतिबंधों के लिए डॉलर को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना बंद नहीं किया तो उसे पछताना पड़ेगा।
दुनिया भर के वरिष्ठ पत्रकारों के साथ, वर्चुअल प्रेस कांफ़्रेंस में पुतिन का कहना था कि रूस दूसरे देशों के साथ लेन-देन के लिए अन्य विकल्प अपनाने के लिए मजबूर है, क्योंकि अमरीका अपनी करंसी का दूसरे देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है, हम जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि ऐसा करने के लिए हमें मजबूर कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि दूसरे देशों द्वारा सैन्य उपकरण ख़रीदने और बेचने जैसे क्षेत्रों में अपनी राष्ट्रीय मुद्रा का इस्तेमाल और इसी तरह से विदेशी मुद्रा के रूप में डॉलर के कम इस्तेमाल से आख़िरकार डॉलर का वर्चस्व कम हो जाएगा, और इसका नुक़सान अमरीका को ही होगा।
रूसी राष्ट्रपति की इस चेतावनी से एक दिन पहले ही मास्को ने प्रतिबंधों के नुक़ासन से बचने के लिए कहा था कि वह तेल के समझौतों में डॉलर के लेन-देन को बंद कर रहा है।
पुतिन ने यह बयान अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अपनी पहली मुलाक़ात से ठीक पहले दिया है, जो जेनेवा में होने वाली है।
रूसी राष्ट्रपति ने बाइडन को एक अनुभवी नेता बताया और साथ ही यह भी कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति के साथ मुलाक़ात में उन्हें किसी बड़े प्रोग्रेस की उम्मीद नहीं है।
उन्होंने कहा कि पूर्व सोवियत संघ का एक पूर्व नागिरक होने के तौर पर मैं अमरीका को यह चेतावनी दे रहा हूं कि साम्राज्यों के साथ समस्या यह है कि वे सोचते हैं कि वे छोटी-छोटी ग़लतियों में सुधार कर लेंगे, लेकिन यह ग़लतियां धीरे-धीरे जमा होती जाती हैं, और एक समय आता है जब उनमें सुधार अंसभव हो जाता है, अमरीका भी पूरे आत्मविश्वास से उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिस दिशा में पूर्व सोवियत संघ आगे बढ़ा था।