वार्नर के पास MCG पर था आदर्श सन्यास लेने का मौका: पोंटिंग
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज डेविड वॉर्नर फिलहाल चोट के चलते बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से बाहर हैं। दिल्ली और नागपुर में भी उनका बल्ला नहीं चल सका था। अपने 103 टेस्ट मैचों में 45.57 के औसत से 8185 रन बनाने वाले वॉर्नर पिछले कुछ समय ये फॉर्म और फिटनेस से जूझ रहे हैं। 36 साल के वॉर्नर पर ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज खिलाड़ी रिकी पोंटिंग ने बड़ा बयान दिया है। रिकी पोंटिंग का मानना है कि डेविड वॉर्नर ने एमसीजी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने दोहरे शतक के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का आदर्श समय गंवा दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल उनके लिए ये साबित करने का एकमात्र मौका हो सकता है कि उन्हें आगे एशेज में खेलना चाहिए या नहीं।
एमसीजी में अपने 100वें टेस्ट में उनका दोहरा शतक उनके फॉर्म को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच आया। पोंटिंग का मानना है कि एससीजी पर होने वाला अगला मैच शानदार प्रदर्शन करने का समय होगा। पोंटिंग ने आईसीसी रिव्यू पोडकास्ट पर कहा- मुझे लगता है कि डेवी के संन्यास लेने का सबसे अच्छा समय ऑस्ट्रेलिया में सिडनी टेस्ट मैच के बाद था। उन्होंने मेलबर्न में अपना 100वां टेस्ट खेला था और जाहिर तौर पर वहां पहली पारी में 200 रन बनाए थे। अब कौन जानता है कि डेवी के लिए यह अवसर फिर से आ सकता है। यह लगभग 12 महीने दूर है।
पोंटिंग को उम्मीद है कि वार्नर जून में द ओवल में डब्ल्यूटीसी फाइनल में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि वे निश्चित रूप से उसे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप मैच में खेलना चाहेंगे। उन्हें वास्तव में कुछ बड़े फैसले लेने हैं, जो एशेज को लेकर भी हो सकते हैं। जब वे यूके जाएंगे तो शायद उनके पास सोचने के लिए इसी तरह की चीजें होंगी क्योंकि वहां डेविड का रिकॉर्ड उतना मजबूत नहीं है जितना कि दुनिया भर में कुछ अन्य जगहों पर है।
हालांकि, पोंटिंग ने कहा कि वॉर्नर अपनी शर्तों पर अपना टेस्ट करियर खत्म करने के हकदार थे। उन्होंने कहा- “मुझे लगता है कि उनका करियर उस तरह से खत्म होने का हकदार है जैसा वह चाहते हैं।” “किसी विदेशी दौरे के बीच में कंधे पर थपथपाया नहीं जाना चाहिए और इस तरह से उनका करियर समाप्त नहीं होना चाहिए। इसलिए मुझे उम्मीद है कि वह अभी और अगली गर्मियों के बीच बहुत सारे रन बनाने के लिए बेताब होंगे।”