ईरान को घुटनों के बल लाने के अमरीकी प्रयास नाकाम साबित हुए: हसन रूहानी
तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति का कहना है अमरीका को चाहिए कि वह सारे प्रतिबंधों को हटाकर व्यवहारिक उपाय करते हुए परमाणु समझौते में वापस आए।
डाक्टर हसन रूहानी ने गुरूवार को ईसीओ के राष्ट्राध्यक्षों की 14वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व समुदाय ईरान के विरुद्ध संयुक्त राज्य अमरीका के ग़ैर क़ानूनी व्यवहार और आर्थिक युद्ध का साक्षी है। उन्होंने कहा कि ईरान को घुटनों के बल लाने के अमरीका के ग़ैर क़ानूनी प्रयास विफल सिद्ध हुए। ईरान के राष्ट्रपति के अनुसार ईरानी राष्ट्र पर अत्यधिक आर्थिक दबाव डालने के बावजूद इस राष्ट्र ने स्वदेशीकरण की नीति को अपनाते हुए कोरोना काल में भी प्रतिबंधों और दबाव का डटकर मुक़ाबला किया।
हसन रूहानी ने स्पष्ट किया कि इसका एक उदाहरण ईरान की ओर से कोरोना के लिए वैकसिन का निर्माण है। उन्होंने कहा कि इस संबन्ध में हम सभी देशों विशेषकर ईसीओ के सदस्य देशों के साथ सहकारिता करने के इच्छुक हैं। ईरान के राष्ट्रपति ने ईसीओ के क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न संभावनाओं का उल्लेख किया।
उल्लेखनीय है कि ईरान, तुर्की, आज़रबाइजान, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, तुर्कमनिस्तान, किर्गिज़स्तान, उज़बेकिस्तान, क़ज़ाक़िस्तान और ताजिकिस्तान जैसे दस देशों के राष्ट्राधयक्षों की उपस्थिति में ईसीओ की वर्चुअल बैठक, गुरूवार को आयोजित हुई।