कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए अमेरिका ने प्लाज्मा थैरेपी को दी अनुमति
नई दिल्ली: अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को कोरोना वायरस महामारी के इलाज के लिए कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से ब्लड प्लाज्मा लेने को मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना से 1,76,000 मौतें हो चुकी हैं।
दबाव में हैं ट्रम्प
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने में असमर्थ दिखने के चलते दबाव झेल रहे हैं। महामारी ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर डाला है। कोरोना के चलते ट्रंप के नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में दोबारा चुने जाने पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
दुष्प्रभाव की आशंका
ऐसा माना जाता है कि प्लाज्मा में शक्तिशाली एंटीबॉडी होते हैं जो बीमारी से तेजी से लड़ने में मदद कर सकते हैं और लोगों को इससे गंभीर रूप से आहत होने से बचाने में मदद करते हैं। अमेरिकी सरकार ने एक बयान में कहा, “यह कोविड-19 से संभावित जोखिमों से बचाने में कारगर हो सकता है।” हालांकि प्लाज्मा थैरेपी का उपयोग अमेरिका और अन्य देशों में पहले से ही रोगियों पर किया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसका दुष्प्रभाव भी हो सकता है।
70,000 से अधिक रोगियों को दी जा रही प्लाज़्मा थैरेपी
इससे पहले रविवार को अमेरिकी मीडिया ने बताया कि ट्रम्प एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करेंगे, लेकिन व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति की योजनाओं पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ट्रंप के प्रवक्ता कायले मैकनी ने कहा कि राष्ट्रपति “प्रमुख चिकित्सीय सफलता” की घोषणा करेंगे। हालांकि, सरकार पहले से ही कुछ शर्तों के तहत कोरोनोवायरस रोगियों के प्लाज्मा थैरेपी की अनुमति देती आई है, जो कि परीक्षण और गंभीर रूप से बीमार लोग के लिए उपयोग में लाई जाती है। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक अमेरिका में 70,000 से अधिक रोगियों को थैरेपी दी जा रही है।