रोजगार सृजन में यूपी अव्वल तो बीटेक डिग्री होल्डर युवा फिटर की नौकरी के लिए मजबूर क्यों?
करोड़ों रोजगार सृजन के दावे प्रोपैगैंडा से ज्यादा कुछ नहीं-युवा मंच
लखनऊ
प्रदेश में करोड़ों रोजगार सृजन के प्रोपैगैंडा पर युवा मंच ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया कि अगर प्रदेश में पर्याप्त रोजगार हैं तो बीटेक पास युवा फिटर की नौकरी के लिए क्यों जद्दोजहद कर रहे हैं। कल लखनऊ में आयोजित रोजगार मेला में बीटेक, बीसीए, एमसीए पास युवाओं को फिटर की नौकरी दी गई जबकि इसके लिए न्यूनतम योग्यता आईटीआई कोर्स है। प्रेस को जारी बयान में युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या अति गंभीर है। प्रदेश में श्रम शक्ति भागीदारी दर महज 33 फीसद है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 40 फीसद से ऊपर है।
प्रदेश में श्रम शक्ति भागीदारी दर का न्यूनतम स्तर बेरोजगारी समस्या के भयावह स्थिति को दर्शाता है। कहा कि प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग से लेकर हर सेक्टर संकटग्रस्त है। यहां तक कि सरकारी विभागों में भी 6 लाख से ज्यादा रिक्त पद पड़े हुए हैं जिन्हें भरा नहीं जा रहा है। फरवरी में इंवेस्टर्स समिट की तरह ही फरवरी 2018 में भी इंवेस्टर्स समिट आयोजित की गई है, निवेश के तमाम समझौते हुए लेकिन वास्तविक निवेश बेहद कम हुआ है और रोजगार सृजन की जमीनी हकीकत जो प्रोपेगैंडा किया जा रहा है उससे एकदम उलट है।
दरअसल अर्थनीतियों में बदलाव किये बिना प्रदेश और देश में रोजगार का सवाल हल नहीं हो सकता। आक्सफैम रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि किस तरह इन अर्थनीतियों से महामारी में अरबपतियों की संख्या बढ़ी और असमानता में तेजी से बढ़ोतरी हुई।