लखनऊ:

एसटीएफ जांच रिपोर्ट में पाये गये 15 हजार संदिग्ध अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करने, लेखपाल भर्ती धांधली व पुनर्परीक्षा का मुद्दा ट्विटर में छाया रहा। शिक्षकों, अभ्यर्थियों और युवा मंच की ओर से ट्विटर मुहिम के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 15 हजार साल्वरों को गिरफ्तार करने, धांधली में संलिप्त अभियुक्तों व शिक्षा माफियाओं को कठोर सजा दिलाने और लेखपाल भर्ती परीक्षा रद्द कर पुनर्परीक्षा कराने के मांंग की गई। अभ्यर्थियों का दावा है कि कल और आज तकरीबन 50 हजार से ज्यादा ट्वीट व रिट्वीट किये गए हैं। एसटीएफ जांच में 15 हजार संदिग्धों के शामिल होने के मामले के प्रकाश में आने के तत्काल बाद युवा मंच ने मुख्यमंत्री से इसे संज्ञान में लेकर हस्तक्षेप करने की अपील की थी लेकिन इस मामले में प्रदेश सरकार द्वारा आम छात्रों के हित में निर्णय लेने के बजाय वहीं पुरानी राजनीतिक बयानबाजी कर प्रदेश में चयन प्रक्रिया के पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होने का दावा किया जाता रहा।

प्रेस को जारी बयान में युवा मंच महासचिव बागीश धर राय ने कहा कि एसटीएफ रिपोर्ट में 15 हजार संदिग्ध अभ्यर्थियों के राजस्व लेखपाल परीक्षा में शामिल होने की जांच रिपोर्ट के सामने आने से प्रदेश में इस परीक्षा की शुचिता पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लग चुका है। मेधावी छात्र अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। 68500, 69000 शिक्षक भर्ती, एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती, यूपीएसआई, पुलिस, वीडीओ, टीईटी, पीईटी, असिस्टेंट प्रोफेसर आदि तमाम भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं लेकिन एसटीएफ रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा हतप्रभ हैं। एक तरफ रोजगार का संकट वहीं दूसरी ओर जो भर्तियां हैं भी उसमें रिकॉर्ड धांधली से युवाओं में घोर निराशा है। कहा कि इतने बड़े पैमाने पर संदिग्धों को चयनित होने के बाद बाहर करने से मामला पेंचीदा हो जायेगा और पूरे मामले के न्यायिक प्रक्रिया के पचड़े में उलझने की प्रबल संभावना होगी। इसलिए उचित विकल्प यही होगा कि पुनर्परीक्षा कराई जाये और एसटीएफ जांच के आधार पर दोषियों के विरुद्ध कठोर सजा दिलाई जाये।