यूपी चुनाव: प्रियंका ने जारी की 125 प्रत्याशियों की पहली सूची, उन्नाव रेप पीड़िता की माँ का नाम शामिल
टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने 125 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 50 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं. कांग्रेस महासचिव और यूपी इंचार्ज प्रियंका गाँधी ने सूची जारी करते हुए बताया कि उन्नाव रेप पीड़िता की मां आशा सिंह को भी कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. प्रियंका गांधी ने बताया कि कांग्रेस के उम्मीदवारों में महिलाओं के साथ-साथ कुछ पत्रकार, एक अभिनेत्री और समाज सेवी भी शामिल हैं.
इसके अलावा NRC-CAA के खिलाफ आंदोलन करने वालीं सदफ जाफर को लखनऊ मध्य से उम्मीदवार बनाया गया है. सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को टिकट मिला है. आशा वर्कर पूनम पांडे को टिकट मिला है.
कांग्रेस की लिस्ट जारी करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारी उन्नाव की प्रत्याशी उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की मां हैं. हमने उनको मौका दिया है कि वे अपना संघर्ष जारी रखें. जिस सत्ता के जरिये उनकी बेटी के साथ अत्याचार हुआ, उनके परिवार को बर्बाद किया गया, वही सत्ता वे हासिल करें. इसपर राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ‘उन्नाव में जिनकी बेटी के साथ भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी- लड़ेंगी, जीतेंगी!’
प्रियंका ने कहा, आशा बहनों ने कोविड के समय अपनी जान की परवाह न करके देश की सेवा की। उनका मानदेय नहीं बढ़ाया तो बहनों ने आवाज उठायी। शाहजहांपुर की आशा कार्यकर्ता पूनम पांडेय को पुलिस ने बुरी तरह पीटा था। वे भी हमारी प्रत्याशी होंगी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, सोनभद्र नरसंहार में 13 आदिवासी मारे गए थे। रामराज गोंड नाम के एक आदिवासी लड़के ने उनके लिए आवाज उठाई। उन्होंने राजनीति शुरू की ताकि अपना संघर्ष जारी रख सकें। अब वे हमारे जिलाध्यक्ष हैं और पार्टी के प्रत्याशी भी होंगे।
उन्होंने कहा, हमारे प्रत्याशियों की सूची एक नया संदेश दे रही है कि अगर आपके साथ अत्याचार हुआ तो आपमें ये शक्ति है कि आप अपने हक के लिए लड़ें। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस आपका समर्थन करेगी। आप राजनीति में आएं और अपनी लड़ाई लड़ें।
प्रियंका ने सीएम योगी के 80 और 20 प्रतिशत वाले बयान पर कहा, हम चाहते हैं कि पूरे उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाया जाए। आप 80 और 20 प्रतिशत की बात करते हैं। जितने नौजवान यूपी में बेरोजगार हैं उनका प्रतिशत क्यों नहीं गिनाते? जितने नौजवानों को नौकरी नहीं मिली उनकी बातें क्यों होतीं?