यूपी चुनाव: राष्ट्रवादी जनसमाज पार्टी ने तोड़ा गठबंधन, कांग्रेस को बताया धोखेबाज़
तौक़ीर सिद्दीक़ी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी खोई हुई ज़मीन तलाश रही कांग्रेस पार्टी पर आज वादाखिलाफी का इलज़ाम लगाकर राष्ट्रवादी जनसमाज पार्टी ने उसके साथ अपना चुनावी गठबंधन तोड़ दिया है. राष्ट्रवादी जनसमाज पार्टी का पिछले साल 14 जून को कांग्रेस पार्टी में इस शर्त के साथ विलय हुआ था कि बुनकरों, दस्तकारों और सर्वहारा समाज की समस्याओं को कांग्रेस पार्टी अपने मेनफेस्टो में मुखरता से शामिल करेगी और राजनीतिक भागीदारी के तहत 15 से 20 सीटों पर उम्मीदवार भी बनाएगी। अब जबकि दो चरणों की नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और तीसरे और चौथे चरण के लिए लगभग सभी उम्मीदवार घोषित किये जा चुके हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी की इन सूचियों में राष्ट्रवादी जनसमाज पार्टी की कोई नुमाइंदगी नहीं दिखाई दे रही है.
इस उपेक्षा और अनदेखी से आहत होकर राष्ट्रवादी जनसमाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अकरम अंसारी ने आज एक पत्रकार वार्ता में आधिकारिक रूप कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ने का फैसला लिया। अकरम अंसारी ने कांग्रेस को एक झूठी और धोखेबाज़ पार्टी क़रार दिया और कहा कि देश की इस सबसे पुरानी पार्टी ने जिस तरह बुनकरों और दस्तकारों को धोखा दिया है, इस चुनाव में उसे इसका जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की इस हरकत से पिछले तीस सालों से प्रदेश की सत्ता से दूर इस पार्टी को 15-20 साल और पीछे धकेल दिया है.
अकरम अंसारी ने राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा को गठबंधन टूटने का ज़िम्मेदार बताते हुए कहा कि एक तरफ राहुल गाँधी आरएसएस से लड़ने की बात करते हैं मगर यूपी वाले उनकी बात नहीं मानते और दलित मुसलमानों के खिलाफ इस तरह की साज़िश और धोखेबाज़ी करके संघ की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं.
अकरम अंसारी टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाते हैं और कहते कि हर स्तर पर कांग्रेस में टिकट के लिए सौदेबाज़ी हो रही है.
बता दें कि प्रदेश में लगभग ढाई करोड़ बुनकर हैं जिसमें कई सीटों पर वह चुनाव को पूरी तरह प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, इस वोट बैंक पर मोमिन अंसार सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते अकरम अंसारी की काफ़ी पकड़ है, वह इस समाज की एक मुखर आवाज़ हैं, पिछले कई वर्षों से वह इस समाज की लड़ाई लड़ रहे हैं और इस समाज को राजनीतिक भागीदारी दिलाने के लिए प्रयासरत हैं और इसी प्रयास के तहत उन्होंने एक राजनीतिक संगठन खड़ा किया। राजनीतिक धोखा खाने के बाद वह कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहते हैं कि अब इन सभी सीटों पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की ज़मानत ज़ब्त होगी।