अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में यूपी दिवस का शुभारम्भ
लखनऊ:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले-2022 के उत्तर प्रदेश मण्डप में उत्तर प्रदेश दिवस का शुभारम्भ किया। उन्होंने व्यापार मेले के उत्तर प्रदेश पवेलियन के ओ0डी0ओ0पी0 मार्ट में हस्त निर्मित उत्पादों के विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया और कारीगरों एवं हस्तशिल्पियों से संवाद कर उनका उत्साहवर्द्धन किया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री जी ने भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश मंडप के वर्चुअल अवलोकन एवं स्टॉल्स के उत्पाद को खरीदने के लिए वेबसाइट लॉन्च की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला-2022 ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल टू ग्लोबल’ की थीम के साथ प्रारम्भ हुआ है। मेले के उत्तर प्रदेश पवेलियन में प्रदेश के सभी जनपदों के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। यहां पर इन परम्परागत उत्पादों से जुड़े कारीगर व हस्तशिल्पी मौजूद हैं, जिनसे उत्पाद की गुणधर्मिता के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इन कारीगर व हस्तशिल्पियों के उत्पादों व परम्परा को वैश्विक मान्यता मिलना गौरव की बात है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी को प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर एक नया ब्राण्ड दिलाने के लिए हृदय से धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कोरोना कालखण्ड में देशवासियों को आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य दिया था। इसके लिए प्रधानमंत्री जी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा दिया था। प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को आगे बढ़ाने की एक कड़ी है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने राज्य के परम्परागत उत्पादों की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ के रूप में ब्रॉण्डिंग की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 करोड़ की आबादी का राज्य उत्तर प्रदेश परम्परागत उत्पादों की दृष्टि से बहुत समृद्धशाली है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों के अपने विशेष उत्पाद हैं और इन उत्पादों से जुड़े क्लस्टर राज्य में मौजूद हैं। प्रदेश के हस्तशिल्पी व कारीगर सदियांे से इन विशेष उत्पादों की निर्माण परम्परा से जुड़े हुए हैं। लेकिन समय के अनुरूप अपेक्षित प्रोत्साहन, सहयोग व तकनीक न मिलने से इन हस्तशिल्पियों व कारीगरों में हताशा व निराशा व्याप्त थी। यह सभी परम्परागत उत्पादों के निर्माण कार्याें से मुंह मोड़ रहे थे। इनका प्रदेश से पलायन हो रहा था। उत्तर प्रदेश के विकास में इसका विपरीत असर पड़ रहा था। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर ‘एक जनपद एक उत्पाद’ की अभिनव योजना को प्रारम्भ किया था। इस योजना के माध्यम से परम्परागत उत्पाद को बढ़ावा दिया गया और उसे लोकल टू ग्लोबल बनाने के प्रयास किये गये। प्रदेश की ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना प्रधानमंत्री जी का विज़न है। आज यह विज़न न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में अपना आकार ले रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन-2022, बाली (इण्डोनेशिया) में प्रधानमंत्री जी देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भारत, प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जी-20 की अगले वर्ष तक अध्यक्षता कर रहा है। यह पूरे भारतवासियों के लिए सौभाग्य की बात है। शिखर सम्मेलन में विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों को प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रदेश के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद भेंट किया जाना उत्तर प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। इससे उत्तर प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विगत 05 वर्षाें में अपने परम्परागत उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के अनेक प्रयास किये हैं। राज्य सरकार ने सर्वप्रथम मैपिंग करायी फिर एक जनपद एक उत्पाद को चिन्हित करके उनकी डिजाइनिंग, मार्केटिंग, पैकेजिंग व ब्रॉण्डिंग के लिए शासन स्तर से प्रोत्साहन प्रदान किया। कारीगर व हस्तशिल्पियों की ट्रेनिंग के अनेक कार्यक्रम चलाये। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें निश्चित मानदेय प्रदान किया। उन्हें टूल किट उपलब्ध करायी गयीं। प्रदर्शनियों में आने व जाने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान किया गया। परिणामस्वरूप आज उत्तर प्रदेश वैश्विक स्तर पर एक जनपद एक उत्पाद के माध्यम से निर्यात का हब बना है। वर्ष 2017-18 में उत्तर प्रदेश का कुल निर्यात 86 हजार करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 01 लाख 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो चुका है। प्रदेश मेें अभी भी इस दिशा में अनेक सम्भावनाएं विद्यमान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर ने अभूतपूर्व प्रगति की है। एम0एस0एम0ई0 सेक्टर से व्यापक पैमाने पर हस्तशिल्पी व कारीगर जुड़े हैं। प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना व ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना के माध्यम से इनके लिए अनेक प्रोत्साहन के कार्यक्रम चलाये हैं, जिसका परिणाम आज पूरी दुनिया के सामने है। कोरोना कालखण्ड में 40 लाख कामगार व श्रमिक उत्तर प्रदेश वापस आये थे, उनमंे अधिकांश लोगों का समायोजन प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं एवं अभियान चलाकर किया था। कोरोना कालखण्ड में देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य, उत्तर प्रदेश में कोई अव्यवस्था नहीं फैली।