संयुक्त राष्ट्र ने ‘वैक्सीन राष्ट्रवाद’ को बताया ‘आत्मघाती’ रवैया
संयुक्त राष्ट्र: विश्वभर में covid -19 से हुईं मौतों की संख्या 20 लाख के आँकड़े को पार कर गई हैं, जिसे लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारी अफसोस जताया और कहा कि एक वैश्विक समन्वित प्रयास की कमी के कारण महामारी की स्थिति और अधिक खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों की सरकारों के लिए ‘वैक्सीन राष्ट्रवाद’ एक ‘आत्मघाती’ रवैया है जिससे दुनिया में इस महामारी से निपटने में देरी होगी।
दिसंबर 2019 के अंत में कोरोना वायरस के संक्रमण सामने आने के बाद से covid -19 महामारी 191 देशों और विभिन्न क्षेत्रों के साथ दुनिया के सभी कोनों में फैल चुकी है। बीमारी के कारण होने वाली मौतों का आँकड़ा सितंबर में 10 लाख तक पहुंच गया था। इसके अलावा, महामारी का बड़े पैमाने पर सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ा है, दुनियाभर में अनगिनत नौकरियां खत्म हो गईं और लोगों की आजीविका चली गई। लाखों लोग गरीबी और भुखमरी की चपेट में आ गए।
गुतारेस ने शुक्रवार को कहा,”हमारी दुनिया एक दिल दहला देने वाले आंकड़े पर पहुंच गई है। covid -19 महामारी अब तक 20 लाख लोगों की जान ले चुकी है। यह बहुत ही दुखद बात है।”
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के कोरोना वायरस ट्रैकर के अनुसार, घातक वायरस ने अब तक 20,08,237 लोगों की जान ली है और दुनिया भर में 9,38,16,953 लोगों को संक्रमित कर चुका है। गुतारेस ने कहा कि वैश्विक समन्वित प्रयास के अभाव ने महामारी के घातक प्रभाव को और बदतर बना दिया।