अनोखी सज़ा: मास्क न पहनने वालों को कोरोना रोगियों की करनी होगी सेवा
अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने आज राज्य सरकार को निर्देश दिया कि बिना मास्क पहने बाहर घूमने और सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी सम्बंधी नियमों का पालन नहीं करने वालों को कोरोना रोगियों की देखभाल के लिए बने कोविड केंद्रो में सामुदायिक सेवा के लिए लगाया जाए।
अदालत का आदेश
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि ऐसे लोगों को ऐसे केंद्रो पर पांच से पंद्रह दिनो तक रोज़ चार से छह घंटे तक सफ़ाई, खाना बनाने, डाटा और अन्य रेकर्ड आदि में मदद जैसे ग़ैर मेडिकल सेवा के कार्य में लगाना चाहिए। ऐसा करते समय उम्र, लिंग आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए।
आर्थिक दण्ड भी लगेगा
अदालत ने कहा कि यह सज़ा उस आर्थिक दंड के अतिरिक्त होगी जो इसके लिए पहले से तय हैं। ज्ञातव्य है कि कोरोना के फिर से बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने सार्वजनिक स्थान पर मास्क नहीं पहनने पर दंड की राशि बढ़ा कर 1000 रुपए कर दी है। राज्य में अब तक कोरोना के 2 लाख 10 हज़ार से अधिक मामले आए है जिनमे से क़रीब 15 हज़ार सक्रिय हैं। अब तक 4 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य सरकार से 24 दिसंबर तक मांगी रिपोर्ट
अदालत ने राज्य सरकार से अपने निर्देश के अनुपालन के मामले में एक रिपोर्ट 24 दिसंबर तक जमा करने के आदेश भी दिए हैं।