लखनऊ:
बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग पर चल रहे 11 दिवसीय 20वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आज आठवां दिन भी रौनक भरा रहा। ज्ञानकुम्भ थीम पर आधारित निःशुल्क प्रवेश वाला यह मेला गांधी जयंती के दिन विदा हो जायेगा। मेले में हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत और विभिन्न स्टालों पर 75 प्रतिशत तक छूट मिल रही है।

मेले में आए पुस्तक प्रेमी दिव्यरंजन कहते हैं समालोचकों और साहित्यकारों ने अपनी दृष्टि से साहित्य को दलित साहित्य, स्त्री विमर्श जैसे कई खेमों में बांट रखा है, पर आम पाठकों का इस विभाजन से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें या तो अपने मनपसंद लेखक की किताब चाहिए या वह जो उन्हें यहां पसंद आ जाय।
मेले में दलित विमर्श की किताबों के कई स्टाल हैं। सम्यक प्रकाशन के स्टाल पर डा.अम्बेडकर के समकालीन सहयोगियों के संस्मरण, अभिधर्मकोश, धर्म के नाम पर शोषण का धंधा, प्रश्नोत्तर रूप में बाबासाहेब डा.अम्बेडकर, बहुजनों के पर्व और महत्वपूर्ण दिवस जैसी कई किताबें इसी वर्ष का प्रकाशन हैं। इनके साथ ही चक्रव्यूह में जातियां और जातिगत जनगणना का सच जैसी पुस्तकों में लोग रुचि दिखा रहे हैं। बहुजन साहित्य के स्टाल पर बहुजन नायक मान्यवर कांशीराम साहब भाषण-2 के संग एसके विश्वास की हिन्दूराज टुडे यस्टरडे टुमारो नयी प्रकाशित पुस्तकें हैं। इन दोनों ही स्टालों पर महात्मा बुद्ध का साहित्य भी खूब है। साथ ही मूर्तियां, स्मृति चिह्न और उपहार मे ंदेने योग्य वस्तुएं भी खूब हैं। प्रभात के स्टाल पर सुधा मूर्ति की किताबें पसंद की जा रही हैं। उनकी कहानियों की पुस्तकों के अलावा पौराणिक ग्रंथों में नारी शक्ति की कहानियां, अनमोल प्रसंग और मृगतृष्णा विशेष सराही जा रही हैं। सामयिक प्रकाशन में स्त्री विमर्श और महिला सशक्तीकरण पर गीताश्री की औरत की बोली, कुमुद शर्मा की आधी दुनिया का सच, नीरजा माधव की भारतीय स्त्री विमर्श और हिन्दी साहित्य का ओझल नारी इतिहास और आशारानी व्होरा की औरत : कल आज और कल जैसी किताबें हैं। महादेवी वर्मा, महाश्वेता देवी, मैत्रेयी पुष्पा, तस्लीमा नसरीन, ममता कालिया, मन्नू भण्डारी, मनीषा कुलश्रेष्ठ, जयश्री राय, महिला लेखकों की किताबें अनेक स्टालो ंपर हैं।

साहित्यिक मंच पर आज के कार्यक्रमों का आरम्भ बोधरस प्रकाशन की ओर से कुंकुम चतुर्वेदी के काव्य संग्रह मन अनुरागी के विमोचन से हुआ। विश्वम फाउण्डेशन द्वारा यूपी त्रिपाठी के संयोजन में आईटी कॉलेज, नेशनल पीजह कॉलेज, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय पीरामल फाइनेंस की युवा प्रतिभाओं भूमिका सिंह, विदुषी शुक्ला, रितिका रौतेला, नंदिनी यादव, अंकिता सिंह व अजित कुमार ने गीत, नृत्य आदि का प्रदर्शन किया। अद्विका प्रकाशन और बुक लवर्स की ओर से आरती शेनमार, संजीव सरीन, संकेत, अभिनव और विवेक बजाज की पांच पुस्तकों के लोकार्पण हुआ। अभिव्यक्ति संस्था के संयोजन में लेखिका स्नेहलता की तीन किताबों- कथा संग्रह इसे क्या कहूं!, काव्य संग्रहा वन्दन उनका और प्राणिजगत का वर्गीकरण का लोकार्पण हुआ।

इस अवसर पर नूतन वशिष्ठ व डा.अनुपमा शरद ने लोकार्पित संग्रह की कहानी ‘अम्माजी का मोबाइल’ का वाचन किया। डा.रश्मि शील, अलका प्रमोद ने पुस्तकों की सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में डा.लवली ज्ञान, इन्दु सारस्वत, सुनीति श्रीवास्तव, राधिका कोचर हरिशंकर पाण्डे, रविकुमार गुप्ता, वीना गुप्ता आदि उपस्थित रहे। वाणी प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ के काव्यकुम्भ में रवीन्द्रनाथ तिवारी, आनन्द यादव, पूजा नागाकर महावीर सुरेन्द्रमोहन, हरिशंकर पाण्डेय, देवेश त्रिवेदी, रमा जैन, अनिल अनाड़ी व जितेन्द्र मिश्र ने प्रतिभाग किया। पं.श्रीनारायण चतुर्वेदी भइया साहब की जयंती पर उनके द्वारा स्थापित हिंदी वांग्मय निधि के अजय पाण्डेय के संचालन में चले कार्यक्रम में रामकिशोर बाजपेयी की लिखी निधि की 45वीं पुस्तिका षड़यंत्रों से घिरे लखनऊ के नवाब का विमोचन हुआ। इस अवसर पर मानव प्रकाश, मसूद अबदुल्लाह, दुष्यंत सिंह चौहान, प्रो.पीयूष भार्गव को अंगवस़्त्र और पौधे देकर डा.अरविंद चतुर्वेदी व प्रो.शैलेन्द्रनाथ कपूर ने सम्मानित किया। डा.अरविंद चतुर्वेदी ने श्रीनारायण चतुर्वेदी का लिखा छंद- जो अभिषेक की बात सुनी…. सुनाया। विमोचित पत्रिका पर चर्चा के साथ ही नवनीत मिश्र इत्यादि वक्ताओं ने भइया साहब के व्यक्तित्व-कृतित्व पर बात रखी।