लखनऊ में ‘उ0प्र0 हेल्थ टेक्नोलॉजी समिट-2023’ का आयोजन
लखनऊ :
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 09 वर्षों में भारत में अनेक स्टार्टअप स्थापित हुए हैं। यूनिकॉर्न के रूप में उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। उत्तर प्रदेश भी इस क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ा है। प्रदेश में स्टार्टअप नीति के अन्तर्गत स्थापित स्टार्टअप को राज्य सरकार ने कई रियायतें प्रदान की हैं। गवर्नमेन्ट ई-मार्केट की व्यवस्था के माध्यम से इनको प्रोक्योरमेंट की सुविधा प्रदान की जा रही है। स्थानीय स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार हर प्रकार से सहयोग कर रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ाने के लिए इस प्रकार की पार्टनरशिप बहुत उपयोगी होगी।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर स्टैनफोर्ड बायर्स सेन्टर फॉर बायोडिजाइन, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा मेडटेक, सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस (आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषित व एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ में स्थापित) के साथ एक पार्टनरशिप की शुरुआत के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता है कि आज यहां पर स्टैनफोर्ड बायोडिजाइन की टीम उत्तर प्रदेश की दो प्रतिष्ठित संस्थाओं, लखनऊ स्थित एस0जी0पी0जी0आई0 और जनपद गौतमबुद्धनगर स्थित जिम्स के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पार्टनरशिप के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए आई है।
प्रदेश में स्केल है और उसके अनुसार पोटेंशियल भी है, लेकिन उसे स्किल की आवश्यकता है। स्केल और स्किल मिलकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर परिणाम दे सकते हैं। यह पार्टनरशिप एक बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी। इसमें प्रदेश के प्रतिष्ठित संस्थान जुड़ रहे हैं। प्रदेश शासन के आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग भी इसके साथ जुड़ कर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सहायता करेगा। इण्डस सेतु ग्लोबल फाउण्डेशन के साथ मिलकर होने वाले इस भागीदारी को प्रदेश सरकार पूरा सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने कोविड मैनेजमेंट में दुनिया में बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। भारत ने अपने नागरिकों को 220 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराइंर्। देश के 12 वर्ष की आयु से ऊपर प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन की निःशुल्क दो-दो डोज के साथ आवश्यकता पड़ने पर पात्र लोगों को निःशुल्क प्रिकॉशन डोज भी उपलब्ध कराई गई। दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी वैक्सीन की आपूर्ति करने में भारत ने अपना योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण को रोकते हुए और प्रत्येक नागरिक की जान को बचाते हुए एक ओर भारत यह कार्य कर रहा था। देश में मृत्यु दर दुनिया भर में न्यूनतम थी। अमेरिका की आबादी की चार गुना आबादी भारत में निवास करती है। कोरोना कालखण्ड में भारत में अमेरिका से आधी मौतें हुई हैं। प्रदेश में लगभग 24-25 करोड़ आबादी निवास करती है। दूसरे प्रदेशों की लगभग 6 करोड़ आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्रदेश पर निर्भर करती है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश ने भी न्यूनतम मृत्यु दर के साथ कोविड-19 प्रबन्धन में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कोरोना कालखण्ड में प्रदेश के एस0जी0पी0जी0आई0 और के0जी0एम0यू0 जैसे संस्थानों ने वर्चुअल आई0सी0यू0 प्रारम्भ किए थे। इसके पश्चात भी किसी तरह की समस्या आने पर एस0जी0पी0जी0आई0 की टीम प्रभावित जनपद में पहुंचकर लोगों को राहत प्रदान करती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और प्रदेश के नेपाल की तराई और उत्तराखण्ड से सटे हुए क्षेत्रों में प्रतिवर्ष मध्य जुलाई से मध्य नवंबर तक 1200 से 1500 बच्चों की मौतें इंसेफलाइटिस से होती थीं। प्रदेश में वर्ष 1977 से लेकर वर्ष 2017 तक लगभग 50,000 बच्चों की मौत इंसेफलाइटिस से हुई थी। प्रदेश सरकार ने विगत 06 वर्षों में इंसेफलाइटिस को पूरी तरह से समाप्त करने में सफलता प्राप्त की है। इस कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों ने समन्वय बनाकर कार्य किया। यूनिसेफ और डब्ल्यू0एच0ओ0 ने भी इस कार्य में सहयोग दिया। ऐसे ही मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू तथा अन्य प्रकार की जल जनित और वेक्टर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने में प्रदेश को बड़ी सफलता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीतापुर नेत्र चिकित्सालय ने लाखों लोगों की आंखों को रोशनी देने का कार्य किया है। उसको भी स्टैनफोर्ड बायो सेन्टर फॉर बायो डिजाइन द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए। राज्य सरकार इस कार्य में भरपूर सहयोग प्रदान करेगी। सीतापुर नेत्र चिकित्सालय सीतापुर के साथ-साथ प्रदेश के अनेक जनपदों में विस्तारित है।