अमरीकी संसद परिसर में हिंसा के बाद ट्रम्प प्रशासन में इस्तीफों की लगी झड़ी
वाशिंगटन: अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को बर्ख़ास्त करने की मांगें तेज़ हो गई हैं। जबसे ट्रम्प के समर्थकों ने कांग्रेस की इमारत पर धावा बोला है ट्रम्प बहुत ख़राब पोज़ीशन में पहुंच गए हैं और इसका उन्हें ख़ुद भी अंदाज़ा हो गया है। ट्रम्प ने इस गंभीरता को समझते हुए कांग्रेस पर धावा बोलने वाले अपने समर्थकों की आलोचना की और कहा कि उन्हें कड़ी सज़ा दी जाएगी।
गुरुवार को कैपिटल पुलिस के प्रमुख ने त्यागपत्र दे दिया। दूसरी ओर वाइट हाउस में ट्रम्प के कार्यकाल के केवल 12 दिन बचे हैं मगर फिर भी उन्हें बर्खास्त करने की मांग तेज़ हो गई है।
एक जानकार सूत्र का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और उनके घटकों ने अमरीकी संविधान के संबंधित आर्टिकल के तहत ट्रम्प को बर्ख़ास्त करने पर ग़ौर शुरू कर दिया है।
इस बीच ट्रम्प प्रशासन के अधिकारी लगातार त्यागपत्र देते जा रहे हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकर और कैपिटल पुलिस प्रमुख के अलावा आयरलैंड के लिए ट्रम्प के विशेष दूत मैक मोलीवानी और रूस के मामलों में उनके सलाहकार रयान तोली ने त्यागपत्र दे दिया है।
इस बीच फ़ेसबुक ने कहा है कि 20 जनवरी को जो बाइडन के शपथ ग्रहण तक ट्रम्प की हर पोस्ट पर रोक लगाई जा रही है। ट्वीटर भी ट्रम्प पर 12 घंटे की रोक लगा चुका है।
उधर अमरीकी सेनेट में डेमोक्रेट नेता चेक शोमर ने उप राष्ट्रपति माइक पेन्स से मांग की है कि वह अमरीकी संविधान के 25वें संशोधन के तहत ट्रम्प को राष्ट्रपति पद से बर्ख़ास्त कर दें। इस संशोधन में कहा गया है कि अगर राष्ट्रपति अयोग्य हो जाए तो प्रशासन के अधिकारियों को यह हक़ है कि राष्ट्रपति को बर्ख़ास्त कर दें।
प्रतिनिधि सभा में भी एक रिपब्लिकन और 19 डेमोक्रेट सदस्यों ने भी यही मांग की है।
शोमर ने एक बयान में कहा कि जो कुछ अमरीकी कांग्रेस की इमारत में हुआ है वह राष्ट्रपति के उकसावे पर अमरीका के ख़िलाफ़ होने वाला हमला है अब राष्ट्रपति को एक दिन भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उप राष्ट्रपति और सरकार तत्काल कार्यवाही से इंकार करे तो कांग्रेस को चाहिए कि ट्रम्प को बर्ख़ास्त करने के लिए उन पर महाभियोग चलाए।