कानपुर
कानपुर में शिक्षकों के लिए एक विशेष हैप्पीनेस पाठ्यक्रम कार्यशाला का आयोजन वीरेन्द्र स्वरूप एजूकेशन सेंटर एन ब्लाक, किदवई नगर कानपुर में हुआ जिसमें बचपन और वयस्कता के दौरान भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक वेलबीइंग को जीवन में उतारने के महत्वपूर्ण कदमों पर प्रकाश डाला गया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया द्वारा अपने कंटेंट पार्टनर रंगीत के साथ मिलकर आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य समग्र विकास और अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था ताकि कक्षा के अंदर और बाहर छात्रों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके। इस कार्यशाला का संचालन रंगीत के सीईओ और सह-संस्थापक श्री सिमरन मुलचंदानी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया की सामाजिक विज्ञान प्रमुख सुश्री विनता लाल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 217 से अधिक शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। श्री सुमंता दत्ता, प्रबंध निदेशक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, इंडिया ने कहा, स्कूलों के लिए एक विश्वसनीय भागीदार है और उन्हें शैक्षिक दृष्टिकोण और विश्वस्तरीय शैक्षिक उत्पादों के साथ समर्थन प्रदान कर रहा है। कानपुर में मीडिया से बात करते हुए, श्री सिमरन मुलचंदानी ने कहा, यह पाठ्यक्रम छात्रों की वेलनेस को बढ़ावा देने वाले क्षमताओं के विकास पर केंद्रित है जैसे फिटनेस, अच्छा स्वास्थ्य, मनो-सामाजिक वेलबीइंग और सुदृढ़ नैतिक आधार, विशेष रूप से पोस्ट-कोविड अवधि में। वेलनेस चैप्टरों में रंगीत का स्वामित्व वाला सोशल इमोशनल और इकोलॉजिकल नॉलेज पाठ्यक्रम शामिल है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया ने रंगीत के साथ मिलकर माय हैप्पीनेस एंड मीश्शीर्षक से वेलबीइंग पाठ्यक्रम विकसित किया है, जो कक्षा 1-8 में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए आठ गतिविधि कार्यपुस्तिकाओं की श्रृंखला है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को उनके मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक वेलबीइंग को शामिल करने में सहायता करना है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को अच्छे आदतों को आत्मसात करने, अच्छे और बुरे भावनाओं को पहचानने और उनसे निपटने में उनकी सहायता करता है, जिससे उनमें एसडीजी 3.0 (अच्छा स्वास्थ्य और वेलबीइंग) का संचार हो सके ।आज की कार्यशाला में, शिक्षकों को खेल-आधारित तरीकों का उपयोग करके बच्चों को जटिल भावनाओं को प्रक्रिया में लाने और कम्यूनिकेट करने में उनकी मदद करने के बारे में बताया गया। प्रत्येक पुस्तक में पांच व्यापक थीम हैं मेरा मन, मेरा शरीर, मेरे संबंध, मेरी दुनिया और प्रकृति सुंदर है। इनमें से प्रत्येक थीम छात्र को गुस्से का प्रबंधन, चिंताओं का सामना करना और अच्छे और बुरे स्पर्श को पहचानना जैसी भावनाओं की एक श्रृंखला के माध्यम से मार्गदर्शन करती है।