बेल्जियम के आगे बेबस रहा भारत, मिली 5-2 से हार

अदनान
टोक्यो ओलम्पिक में बेल्जियम ने आज पुरुष हॉकी के सेमी फ़ाइनल में भारत को 5-2 हराकर 41 साल बाद स्वर्ण पदक जीतने के सपने को चकनाचूर कर दिया। भारत को अब ब्रॉन्ज़ मैडल के लिए खेलना पड़ेगा।

बेल्जियम ने चौथे क्वार्टर में दो गोल दागकर मुकाबला 5-2 से अपने नाम कर लिया. इस क्वार्टर में एक गोल पेनल्टी स्ट्रोक से आया और इसी से सबकुछ बदल गया. बेल्जियम की ओर से यह चौथा गोल हेंड्रिक्स की तरफ से किया गया, जो उनका टूर्नामेंट में 14वां गोल रहा. बेल्जियम के लिए तीसरा गोल भी पेनल्टी कॉर्नर पर आया. इससे पहले तीसरे क्वार्टर की समाप्ति के बाद दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं.

बेल्जियम के लिए पहला गोल खेल के दूसरे ही मिनट में लूपर्ट ने किया,लेकिन चंद ही मिनट बाद भारत के हरमनप्रीत ने मिले पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करते हुए भारत को 1-1 की बराबरी पर ला दिया.यह गोल खेल के 10वें मिनट में आया. बेल्जियम इस बराबरी से संभला भी नहीं था कि पहले गोल के 6 मिनट बाद ही मंदीप सिंह ने बैक फ्लिक से मैदानी गोल दाग कर भारत को 2-1 से आगे कर दिया और यह बढ़त पहले क्वार्टर तक बरकरार रही.

दूसरा क्वार्टर शुरू होते ही बेल्जियम को एक के बाद एक तीन पेनल्टी कॉर्नर बेल्जियम को मिले, लेकिन तीनों को ही भारतीय रक्षकों ने बेकार कर दिया. खेल के 28वें मिनट में हेंड्रिक्स ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल बेल्जियम को 2-2 की बराबरी पर ला दिया. इससे कुछ देर पहले भारत को भी पेनल्टी कॉर्नर मिला था, लेकिन भारतीय इसका फायदा नहीं उठा सके.

तीसरे क्वार्टर शुरू होते ही भारत ने पेनल्टी कॉर्नर ले लिया. यह भारत का पांचवां पेनल्टी कॉर्नर था, लेकिन बहुत ही शानदार ढंग से बचाव किया इसका बेल्जियम ने, जो संभवत अभी तक का सर्वश्रेष्ठ बचाव रहा मैच का. तीसरे क्वार्टर के ज्यादार हिस्से में भारत का दबदबा रहा, लेकिन भारतीयों को गोल दागने में सफलता नहीं मिली. और न ही बेल्जियम कामयाब हो सका. नतीजा तीसरे क्वार्टर के बाद भी मुकाबला 2-2 से बराबर पर रहा.

चौथा क्वार्टर की शुरुआत में ही बेल्जियम ने पेनल्टी कॉर्नर की हैट्रिक एक बार फिर से हासिल की. इस बार बेल्जियम नहीं चूका और तीसरे प्रयास पर खतरनाक हेंड्रिक्स ने गोल दागकर बेल्जियम को 3-2 से आगे कर दिया. बढ़त के बाद चंद ही मिनट के भीतर बेलिज्यम को चार पेनल्टी कॉर्नर और मिले. कुल मिलाकर बेल्जियम के लिए मैच में 14वां पेनल्टी कॉर्नर हिस्से में आया. और इसी संघर्ष में बेल्जियम को पेनल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे हेंड्रिक्स ने गोल में तब्दील करते अपनी टीम को 4-2 की बढ़त दिला दी. खेल के 60वें मिनट में बेल्जियम से नंबर 7 जर्सी में खेल रहे डोहमेन जेजेडीएम ने मैदानी गोल किया, तो भारतीय गोलकीपर पोस्ट से नदारद थे. बेल्जियम की बढ़त 5-2 हो चुकी थी और भारत स्वर्ण की रेस से बाहर हो चुका था.

भारतीय टीम अब ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल में पराजित होने वाली टीम से कांस्य पदक के लिये भिड़ेगी. भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (7वें) और मनदीप सिंह (8वें मिनट) ने गोल किये जबकि बेल्जियम के लिये अलेक्सांद्र हेंड्रिक्स (19वें, 49वें और 53वें मिनट) ने तीन जबकि लोइक फैनी लयपर्ट (दूसरे मिनट) और जॉन जॉन डोहमेन (60वें मिनट) ने एक गोल किया. भारत ने आखिरी बार मास्को ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन वह म्यूनिख ओलिंपिक 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा था. मास्को ओलिंपिक में मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे.