नुकसान की भरपाई के लिए 2 रुपये बढ़ाने होंगे पेट्रोल डीजल के दाम!
बिजनेस ब्यूरो
कच्चे तेल के दाम 115 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है बावजूद इसके पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दबाव के चलते सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ाये हैं. जबकि उन्हें ऊंचे दाम पर कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार से आयात करना पड़ रह है. ऐसे में तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर बहुत नुकसान हो रहा है. इस नुकसान को पाटने के लिए सरकारी तेल कंपनियों को 16 मार्च 2022 तक 12 रुपये प्रति लीटर से अधिक पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाने होंगे.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों के साथ – जिस पर घरेलू ईंधन खुदरा कीमतें जुड़ी है. सरकारी तेल कंपनियों को ब्रेक ईवन यानि नुकसान को खत्म करने के लिए 16 मार्च, 2022 तक या उससे पहले 12.1 रुपये प्रति लीटर की भारी कीमत वृद्धि की आवश्यकता है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि तेल कंपनियों के लिए मार्जिन को शामिल करने के बाद कीमतों में 15.1 रुपये की बढ़ोतरी की जरूरत है.
दरअसल अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें गुरुवार को नौ साल में पहली बार 120 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गईं और शुक्रवार को थोड़ा कम होकर 111 अमेरिकी डॉलर पर आ गईं, लेकिन लागत और खुदरा दरों के बीच की खाई केवल चौड़ी हुई है. तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की जानकारी के मुताबिक, भारत में कच्चे तेल की खरीदारी 3 मार्च को बढ़कर 117.39 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो 2012 के बाद सबसे ज्यादा है. जबकि नवंबर 2021 के शुरुआत में इंडिन बॉस्केट प्राइस क्रूड ऑयल का औसतन 81.5 डॉलर प्रति बैरल था.
हालांकि देश में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 4 नवंबर 2021 के बाद से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जबकि कच्चे तेल के दामों में भारी उछाल आ चुका है. दरअसल देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं और 10 मार्च को नतीजें आयेंगे. माना जा रहा है कि चुनाव में नुकसान के चलते सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल के दामों में जबरदस्त तेजी के बावजूद सरकार के दवाब में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई परिवर्तन नहीं कर रही हैं. लेकिन 7 मार्च ते बाद से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने के आसार हैं.