योगी जी के नारे का मज़ाक़ उड़ा रहा है लखनऊ का यह सरकारी स्कूल, 10 वर्षों से लगा है ताला
रिपोर्ट: रंजीव ठाकुर
सूबे की नई योगी सरकार ने एक बार फिर ‘आओ स्कूल चले हम’ का नारा बुलंद कर दिया है लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल अलग है। राजधानी में ही एक प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जिस पर जड़ा भ्रष्टाचार का ताला पिछले दस वर्षों से खुलने का नाम ही नहीं ले रहा है तो कैसे स्कूल चले हम? आज भ्रष्टाचार की वो तस्वीर आपके सामने है जिसके पीछे योगी सरकार के अस्मर्थ मंत्री का चेहरा है।
कैण्ट विधानसभा अंतर्गत, गुरु गोविन्द सिंह वार्ड के शांति नगर, बड़ा बरहा में एक किराए के मकान में प्राथमिक विद्यालय शांति नगर चलता था। भवन जर्जर होने के कारण 2012 में बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश से इसे बंद कर दिया गया और इसका समायोजन 100 मीटर दूर ही चले रहे प्राथमिक विद्यालय प्रेमवती नगर में कर दिया गया।
9.40 लाख रुपए की राशि जारी की गई सामुदायिक भवन (प्रेमवती नगर विद्यालय) के लिए, सामुदायिक भवन गिरा कर ईंटें, सरिया इत्यादि निलाम हो गया लेकिन भवन निर्माण नहीं हुआ तो कहां गया लाखों रुपए? बताया गया कि शिक्षा विभाग के मुंह लगे कर्मचारी सतीश द्विवेदी ने उक्त राशि अपने कब्जे में ले ली थी, भ्रष्टाचार का भण्डाफोड़ होने पर सतीश के वेतन से लाखों रुपए की रिकवरी हो रही है लेकिन वो कब तक होगी इसका अंदाजा लगाया जाना कठिन है।
जब प्रेमवती नगर विद्यालय बना नहीं तो शांति नगर विद्यालय का नाम बदल कर प्रेमवती नगर रख दिया गया लेकिन भवन पर तो ताला बदस्तूर लटका है। बताते है कि शांति नगर में रहने वाले अखिलेश शर्मा ने जब से इस विद्यालय में अपनी पोस्टिंग करवाई है तब से भ्रष्टाचार व्याप्त है। शर्मा जी और शिक्षामित्रों की मौज है ना स्कूल खुले ना पढ़ाएं हम, पर वेतन पूरा उठाएं हम!
शांति नगर विद्यालय के भवन स्वामी का कहना है कि मकान पूरी तरह जर्जर है, 2008 से किराया मिला नहीं, 2017 में योगी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह को मिलकर शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन 5 वर्षों बाद सरकार बदल गई लेकिन हालात नहीं! मंत्री संदीप सिंह ने बापू भवन भेजा था जहां कहा गया कि जटिल विषय है, 2022 तक सरकार जाने से पहले भवन खाली हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि 2018 में खण्ड शिक्षा अधिकारी आई थी जांच करने, इसके बाद 2020 में जल शक्ति विभाग आया था सर्वे करने (भवन में बिजली, पानी, शौचालय नहीं है) और 23 जून 2021 को अध्यापक अखिलेश शर्मा कुछ लोगों को लेकर आएं थे, पूछने पर बताया कि जियो टैगिंग करनी है। जब भवन स्वामी ने स्कूल लगातार बंद होने की बात कही तो वे लोग बाहर ही खड़े होकर लिखा पढ़ी करते रहे।
जांच के विषय:-
1- 2012 तक आसपास (100 मीटर की दूरी) में दो सरकारी स्कूल कैसे चल रहे थे?
2- 9.40 लाख रुपए गबन होने पर सतीश द्विवेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई? उक्त धनराशि अब क्या स्थिति है?
3- जब शांति नगर विद्यालय भवन जर्जर था, उसका समायोजन प्रेमवती नगर में किया गया था तो वापस जर्जर भवन में प्रेमवती नगर विद्यालय कैसे संचालित करने का आदेश दिया गया?
4- ताला बंद स्कूल से 10 वर्षों में कितना मिड डे मील, कापी किताब, ड्रेस, छात्रवृत्ति/ प्रोत्साहन राशि इत्यादि बांट दिया गया?
5- जल शक्ति विभाग की रिपोर्ट क्या कहती है?
6- जियो टैगिंग में विद्यालय की क्या स्थिति है?
7- प्रतिवर्ष जिलाध्यक्ष द्वारा बरसात से पूर्व जर्जर स्कूलों की रिपोर्ट मांगी जाती है, पिछले दस सालों में कितनी बार और कैसे शांति नगर भवन की रिपोर्ट लगी?