हैदर कैनाल की बस्तियों की बेदखली का होगा लोकतांत्रिक प्रतिवाद
● जन समस्याओं पर शीघ्र ही कमिश्नर से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
● लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति की बैठक में हुए फैसले
लखनऊ
योगी सरकार द्वारा जारी बुलडोजर कार्रवाइयों के खिलाफ जनता के सम्मानजनक जीवन के लिए चौतरफा पहल ली जाएगी। हाल ही में जिला प्रशासन द्वारा हैदर कैनाल के किनारे 16 किलोमीटर में बसे लोगों की बेदखली की कार्रवाई का शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक ढंग से प्रतिवाद किया जाएगा और प्रदेश के सभी विपक्षी राजनीतिक दलों और नागरिक समाज से इसके समर्थन के लिए संपर्क किया जाएगा। अकबरनगर के विस्थापितों को अकबरनगर में ही समुचित मुआवजे के साथ पुनर्स्थापित करने, बसंत कुंज में पैदा हो रही नागरिक समस्याओं के समाधान, रोजगार देने और उनके मकान पर एलडीए द्वारा लगाए 4 लाख 80 हजार रुपए को वापस करने के सवाल पर शीघ्र ही कमिश्नर व प्रशासनिक अधिकारियों से लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा। यह निर्णय आज विधानसभा के सामने सीपीएम कार्यालय पर हुई संघर्ष समिति की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता सपा की पूर्व मेयर प्रत्याशी व वरिष्ठ पत्रकार वंदना मिश्रा ने की और संचालन आईपीएफ के दिनकर कपूर ने किया। सीपीएम राज्य सचिव मंडल सदस्य मधु गर्ग ने बैठक के एजेंडे को रखते हुए कहा कि हमारा आंदोलन संविधान में दिए हुए अधिकारों को लेकर है और यह सरकार संवैधानिक नीतियों और परंपराओं को खत्म करने में लगी है। आम आदमी के जीवन को लगातार कष्टदायक बनाया जा रहा है।
बैठक में हैदर कैनाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व पूर्व सभासद अमित सोनकर ने विस्तृत बातचीत रखते हुए कहा कि डीएम द्वारा पिछले दिनों कैनाल के किनारे बसे हुए लाखों लोगों को एक हफ्ते में बेदखल करने का आदेश दिया है। अभी तक किसी भी व्यक्ति को सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई भी नोटिस नहीं दी गई है। जैसी की सूचना है कि ड्रोन से भी प्रशासन ने सर्वे करने का काम किया है। इन बस्तियों में बड़ी संख्या में दलित जाति के लोग रहते हैं और सरकार की मंशा इनको बेदखल कर रियल स्टेट कारोबारियों को जमीन देने की है। यदि प्रशासन की कोई भी नोटिस मिलती है तो तत्काल सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया जाएगा और हर इलाके के लोगों को लेकर एक प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व को आमंत्रित किया जाएगा।
अकबरनगर के नेता इमरान राजा ने बताया कि अकबरनगर से विस्थापित बसंत कुंज के लोगों को संविधान में मिले गरिमापूर्ण जीवन के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया है। हालांकि हमारे आंदोलन के बाद कुछ सुविधा प्रशासन ने वहां उपलब्ध कराई हैं। लेकिन अभी भी बसंत कुंज में रह रहे लोगों के रोजगार का इंतजाम नहीं किया गया और ना ही लोगों से उन मकानों का चार लाख 80 हजार रुपए वसूलने की कार्यवाही वापस ली गई है। उन्होंने कहा कि अकबरनगर में पुनर्स्थापित करने की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी जायेगी। सामाजिक कार्यकर्ता नाईस हसन ने सुझाव दिया कि अकबरनगर के लोगों की आजीविका, आवास और वहां के बच्चों की शिक्षा के संबंध में सर्वे किया जाए। जिसकी एक रिपोर्ट प्रशासनिक अधिकारियों को भी दी जाए।
बैठक में मौजूद वरिष्ठ समाजसेवी प्रोफेसर रमेश दीक्षित ने कहा कि इस समय उत्तर प्रदेश में जिस तरह से लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है और न्यायिक प्रक्रिया को खत्म करके बुलडोजर राज कायम करने में योगी सरकार लगी है। ऐसे में लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी साझी लड़ाई को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
ट्रांस गोमती निवासी संघर्ष समिति के संयोजक राकेश मणि पांडे ने कहा कि हमारे आंदोलन से सरकार को पंतनगर, खुर्रम नगर, रहीम नगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी आदि इलाकों में अपनी बेदखली की कार्रवाई को वापस लेना पड़ा है। लेकिन अभी भी खतरा टला नहीं है और इसलिए हमें मुस्तैद रहने की जरूरत है। भाकपा माले के जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि हमें अपनी पहल बनाए रखनी होगी और अभियान को लखनऊ के आम आदमी तक पहुंचाना होगा। सीपीएम जिला कमेटी सदस्य प्रवीन सिंह ने कहा कि बहुत सारी निहित स्वार्थ की ताकतें आंदोलन को तोड़ने की कोशिश करेगी इससे बचना होगा और लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति को लखनऊ में चल रहे बुलडोजर विरोधी हर अभियान की मदद करनी होगी।
बैठक का संचालन कर रहे आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 21 हर नागरिक के सम्मानजनक जीवन की गारंटी करता है। इसमें आवास का भी अधिकार है, जिसे छीनने में सरकार लगी है। अध्यक्षता कर रही वंदना मिश्रा ने कहा कि यह संघर्ष समिति लखनऊ के हर उत्पीड़ित व्यक्ति की आवाज बनकर उभरी है और इसने तानाशाह सरकार के दमनात्मक कदमों को पीछे करने के लिए मजबूर किया है और भविष्य में भी जनता को विजय श्री मिलेगी।
बैठक में सीपीआई राज्य सचिव मंडल सदस्य कांति मिश्रा, एडवा की नेता वंदना राय, एसएफआई के अब्दुल वहाब, अभिषेक कुमार, आइसा के शानतम निधि, एक्टू के विजय विद्रोही, हैदर कैनाल कल्याण समिति के संरक्षक गौतम गोविंद, संजय विश्वकर्मा, भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा की आकांक्षा आजाद, जागरूक नागरिक मंच के लालचंद, किसान सभा के जे बी यादव, आरवाईए के राजीव समेत कई लोगों ने अपनी बातचीत को रखा।