मुहब्बत के पैगाम को समाज के हर वर्ग तक ले जाने की जरूरत है : मौलाना असग़र अली
ज़ुल्म के खिलाफ असल ताक़त हमारा इत्तेहाद है : सय्यद सआदतुल्लाह हुसैनी
लखनऊ में अम्न और इन्साफ कांफ्रेंस का आयोजन, समाज के सभी वर्गों ने लिया नफरत से मिलकर लड़ने का संकल्प
तौक़ीर सिद्दीक़ी
हमारा देश लम्बे समय तक अंग्रेजों की नापाक राजनीति के कारण गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, लेकिन जब यहां की शांतिप्रिय जनता जागी और मानवतावादी समूहों ने देश की आजादी के लिए अपने प्रयास तेज किये, तो काफी मशक्कत के बाद अंग्रेजों को देश छोड़कर भागना पड़ा। देश की आजादी में सभी धर्मों और समूहों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे देश की आजादी संभव हो सकी। आज एक बार फिर हमारा समाज नफरत की जंजीरों में जकड़ गया है। समाज के हर वर्ग में नफरत का जहर फैलाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में देश के विभिन्न सामाजिक संगठनों और मानवतावादी समूहों द्वारा शांति और न्याय के लिए चलाया गया अमन व इन्साफ अभियान समय की सख्त जरूरत है। यह विचार गांधी भवन लखनऊ में विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित अमन व इन्साफ कांफ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलाफी ने व्यक्त किये।
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी, अमीर जमाअते इस्लामी हिन्द, ने कहा कि हमारा इत्तेहाद, हमारा अज़्म ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि इन हालात से हम बिल्कुल मायूसी के शिकार न हों, हालात से न डरें। जालिम और उसकी बुनियादें बहुत कमजोर होती हैं। इन हालात में हम अपने उसूलों पर, अपने दीन और ईमान पर डटे और जमे रहें। इस्तेकामत का दामन न छोड़ें। इन्साफ के लिए उठ खड़े होना ये हमारी दीनी जिम्मेदारी है। अमन व इन्स्सफ़ के इस आन्दोलन को गली गली कूचाकूचा लेकर जायें और पूरे मुल्क में अमन व इन्साफ की मुहिम को छेड़ें। ये भी हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस मुल्क को एक मिसीली मुल्क बनायें।
जमीयत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि हमारा देश जिन हालातों से गुजर रहा है, तरह-तरह की बीमारियों से जूझ रहा है, उसका इलाज करने के लिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं और इसका इलाज सिर्फ मुहब्बत के पैगाम से ही संभव है. लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए नफरत इतनी फैला दी है कि अब स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उठें और प्यार व मुहब्बत से से इन परिस्थितियों का मुकाबला करें।
कांफ्रेंस के समापन से पहले जमात-ए-इस्लामी हिंद उत्तर प्रदेश पूर्वी के अध्यक्ष डॉ. मलिक फैसल ने कांफ्रेंस का प्रस्ताव पढ़ा जिसे सभी वक्ताओं और उपस्थित लोगों ने अनुमोदित किया।
इसके अलावा कांफ्रेंस से मौलाना मुहम्मद ताहिर मदनी डायरेक्टर जामिअतुल -फलाह, हरीश चंद्र सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी, मौलाना अमीनुल हक ओसामा कासमी प्रदेश उपाध्यक्ष जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश, उदय प्रताप सेवानिवृत्त डीआइजी, प्रशांत टंडन वरिष्ठ पत्रकार, मौलाना जहांगीर आलम कासमी, मौलाना सैफ अब्बास नक़वी अध्यक्ष मरकज़ी शिया चाँद कमिटी, मौलाना शमशाद नायब अमीर अमारत ए शरिया बिहार, मलिक मोतसिम खान उपाध्यक्ष जमात-ए-इस्लामी हिंद, डॉ. यासीन अली उस्मानी ऑल उपाध्यक्ष इंडिया मिल्ली कौंसिल, संदीप पांडे मैग्सेसे पुरस्कार विजेता, मुजतबा फारुक खान शूरा सदस्य जमात-ए-इस्लामी हिंद आदि ने भी संबोधित किया।