लखनऊ
मन की बात कार्यक्रम के 100 वें एपीसोड पर आयोजित महोत्सव और प्रचार प्रसार पर करोड़ों रुपए के खर्च करने पर युवाओं ने सवाल खड़े किए हैं। आज 100 वें एपीसोड में पीएम बोले कि मन की बात कार्यक्रम देश की भावनाओं का प्रकटीकरण है लेकिन भयावह बेरोजगारी, कमरतोड़ मंहगाई और बेकारी से त्रस्त करोड़ों युवाओं के सवालों पर क्या कभी चर्चा का विषय मन की बात में रहा। इन ज्वलंत मुद्दों पर पीएम मोदी मौन रहते हैं जबकि युवाओं के लिए आज सर्वाधिक ज्वलंत मुद्दा बेरोजगारी का सवाल है। एक साल पहले पीएम मोदी द्वारा मिशन मोड में केंद्र सरकार में रिक्त पड़े 10 लाख पदों को समयबद्ध भरने की घोषणा की गई थी लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस है। रेलवे की वर्षा पहले की भर्तियां भी अभी तक अधर में हैं जबकि अकेले रेलवे में ही 3.5 लाख पद रिक्त हैं।

रोजगार आंदोलन चला रहे राजेश सचान ने बताया कि देश में मौजूदा आर्थिक नीतियों से बेरोजगारी की स्थिति भयावह हुई है लेकिन मोदी सरकार इसके हल के लिए कतई गंभीर नहीं है। इसलिए 3 अप्रैल को दिल्ली में 113 संगठनों ने मिलकर संयुक्त युवा मोर्चा का गठन कर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। इस मुहिम में सार्वजनिक क्षेत्र में एक करोड़ रिक्त पदों पर नियमित भर्ती और रोजगार को कानूनी अधिकार बनाने जैसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।