प्रधानमंत्री ने नेताओं कार्यकर्ताओं को याद दिलाया, सिर्फ 400 दिन बचे हैं
दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ 400 दिन बचे हैं. उन्होंने कहा कि इस ‘अमृत काल’ को ‘कर्तव्य काल’ में परिवर्तित करने से ही देश को आगे ले जाय जा सकता है. भारत का स्वर्णकाल आने वाला है. पीएम ने बीजेपी नेताओं को नसीहत दी और कहा- ‘मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयानबाजी ना करें. उन्होंने कहा कि पसमांदा और बोरा समाज से मिलना चाहिए. कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बनाकर रखना होगा. समाज के सभी वर्गों से मुलाकात करें. चाहे वोट दें या ना दें, लेकिन मुलाकात करें. पार्टी के कई लोगों को अब भी लगता है कि विपक्ष में हैं. पार्टी के कई लोगों को मर्यादित भाषा बोलनी चाहिए.
प्रधानमंत्री के आज के संबोधन को लेकर मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का स्वर्ण युग आने वाला है. पीएम ने कार्यकर्ताओं से समाज के सभी अंगों से रिश्ता जोड़ने की अपील भी की.
प्रधानमंत्री ने अह्वान किया कि विकास कार्य में हमें अपना कण-कण लगाना है. हमें धरती मां की पुकार सुननी है. हमें धरती मां को बचाना है. 2024 के आम चुनाव को लेकर पीएम ने कहा कि हमारे पास 400 दिन हैं और हमें लोगों की सेवा के लिए सब कुछ करना है. हमें इतिहास रचना है.
देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि किस प्रकार से हम कुशासन से सुशासन की ओर आए हैं ये संदेश हमें युवाओं तक पहुंचाना है. हमें संवेदनशीलता के साथ समाज के सभी अंगों से जुड़ना है. भाजपा को वोट कि चिंता किए बगैर देश और समाज को बदलने का काम करना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से हमने बेटी बचाओ अभियान को सफल बनाया उसी प्रकार से धरती बचाओ अभियान भी चलाना होगा. फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण जलवायु परिवर्तन और धरती माता पर पड़ने वाले परिणामों को कम करने की आवश्यकता है.
बीजेपी नेता ने बताया कि पीएम ने कहा कि आकांक्षी जिलों के विकास में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की भूमिका हो. इसके अतिरिक्त हमारे सभी राज्य एक दूसरे के साथ समन्वय बढ़ाते हुए भावनात्मक रूप से जुड़ें.देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से कहा कि आज क उद्बोधन प्रेरक भी था, दिशा दर्शक भी था और नई राह दिखने वाला था. उन्होंने कहा कि अपने जीवन का क्षण-क्षण भारत की विकास गाथा में लगाएं.