शिया पी0 जी0 कालेज को आटोनाॅमस कालेज में तब्दील करना प्रमुख लक्ष्य: मौलाना यासूब अब्बास
शिया पी0 जी0 कालेज के 100 साल के इतिहास पर बनी डाक्यूमेंट्री का उद्घाटन
Adnaan
लखनऊ: शिया पी0 जी0 कालेज की शताब्दी के अवसर पर 100 साल के गौरवशाली इतिहास और विकास को दर्शाती वीडियो डाक्यूमेंट्री का उद्घाटन समारोह का आज आयोजन हुआ डाक्यूमेंट्री का औपचारिक उद्घाटन लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने किया। डाक्यूमेंट्री में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, बोर्ड आफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष प्रोफेसरअज़ीज़ हैदर और बोर्ड आफ ट्रस्टीज के सेक्रेटरी, सै0 अख्तर हसन रिज़वी (पूर्व सांसद) अन्य गणमान्य व्यक्तियों के वीडियो संदेश शामिल है।
शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाना व शिया पी0 जी0 कालेज को आटोनाॅमस कालेज में तब्दील करना, बी0काम आनर्स, बी0एड0, बी0टी0सी, बी0जे0एम0सी0, बी0सी0ए0 आदि पाठ्यक्रम शुरू करना जिससे शिया कालेज सेन्टर आॅफ एक्सिलेंस में बदल सके। यह बात शिया कालेज के 100 साल के इतिहास पर बनी डाॅक्यूमेंन्ट्री के उद्घाटन समारोह के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में मौलाना यासूब अब्बास नें कही। पत्रकार वार्ता में मौलाना यासूब अब्बास के साथ कालेज की प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष प्रो0 अजीज हैदर, कालेज के प्रबन्धक श्री अब्बास मुर्तजा शम्सी और कालेज के प्राचार्य डाॅ0 मोहम्मद मियाँ भी मौजूद थे।
मौलाना यासूब अब्बास नें पत्रकार वार्ता में अपनी बात रखते हुए बताया कि सन् 1919 में अपनी स्थापना से लेकर अब तक शिया कालेज का सफ़र अत्यंत सुनहरा और गौरवशाली रहा है। शिया पी0 जी0 कालेज, लखनऊ सरकार द्वारा अनुदानित लखनऊ विश्वविद्यालय से सहयुक्त भारत का ही नही एशिया का सबसे बड़ा शिया समुदाय द्वारा संचालित महाविद्यालय है। शिया पी0 जी0 कालेज का इतिहास गवाह है कि शिया कालेज में अमन, चैन, भाइचारा हमेशा से कायम रहा है। सांझी संस्कृति और गंगा-यमुनी तहजीब का नायाब नमूना शिया कालेज है। उन्होनें कहा कि हमें गर्व है कि हम ऐसी सांझी विरासत, देशप्रेम और मानवता के मूल्यों पर खड़ी संस्था की स्वर्ण जयन्ती के गवाह बने। 100 साल के सफरनामे में शिया कालेज नें कई उपलब्धियां हासिल की हैं। शिया कालेज से निकले छात्र पूरी दुनिया में कालेज और देश का नाम प्रत्येक क्षेत्र में रोशन कर रहे हैं। हमारे बुजुर्गों नें जो मजबूत नीव डाली है उसको आगे और विस्तृत करना और शिया कालेज के विकास को अपनी प्राथमिकता में रखना हमारा प्रमुख लक्ष्य है।
कालेज की आगे की योजना पर रोशनी डालते हुए उन्होनें विस्तारपूर्वक अपनी बात रखते हुए बताया कि शिया कालेज के बहुमुखी विकास के लिए पहली आवश्यकता थी कि महाविद्यालय के पास पर्याप्त भवन हों जिससे छात्र-छात्राओं को सही ठंग से एक बेहतरीन और सुकूनपरक वातावरण में शिक्षा मिल सके। उन्होनें कहा कि मुझे बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि शिया पी0 जी0 कालेज में बिना किसी सरकारी सहायता के अपने स्तर पर महाविद्यालय में आ रही फीस की आय से बचत करके कई नए भवन का निर्माण किया। महाविद्यालय द्वारा इमाम जाफर-ए-सादिक के नाम पर नया भवन बनाया जिसमें तीन बड़े हाॅल और 10 व्याख्यान कक्ष बने है। इसी बिल्डिंग में एम0काॅम0 (एप्लाइड इकोनामिक्स), एम0काॅम0 (प्योर), एम0ए0 (पत्रकारिता एवं जनसंचार) और शिया कालेज डाटा रिसोर्स सेल संचालित होती है। कालेज प्रबन्ध-तंत्र द्वारा इमाम-ए-रज़ा के नाम पर नया दो मंजिला भवन बनाया जिसमें 24 से व्याख्यान कक्ष है जिसमें बी0ए0 और बी0काॅम0 की कक्षाएं संचालित होती है। प्रबन्ध-तंत्र द्वारा पुस्तकालय को विस्तारित करते हुए नए रीडिंग रूम व दो मंजिले नए स्टैक रूम का निर्माण किया। शिया कालेज आफ लाॅ के लिए नए भवन व हजरत अली के नाम पर नई वातानुकूलित मूट कोर्ट विकसित की। इसी के साथ-साथ इमाम-ए-तक़ी के नाम पर नया ब्लाॅक बनकर तैयार है जिसमें 15 व्याख्यान कक्ष है।
उन्होनें आगे कहा कि महाविद्यालय के विकास की बुनियादी जरूरत नए भवन के निर्माण करने के साथ-साथ कालेज प्रबन्धतंत्र नें महाविद्यालय के स्तर पर आधुनिक सुविधाओं को विकसित किया गया जिससे वर्तमान भूमण्डलीकृत दुनिया में हमारे विद्यार्थी रोजगार के नये-नये अवसरों का लाभ उठा सकें। महाविद्यालय में खतीब-ए-अकबर मौलाना मिर्ज़ा मोहम्मद अतहर के नाम पर अत्याधुनिक लाइब्रेरी है, जो पूरी तरह कोहा लाइब्रेरी मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा कम्प्यूटरीकृत है, जिसके अन्दर भौतिक रूप से हजारों किताबों के अलावा, लाखों ई-बुक्स और ई-जर्नल्स की सुविधा मौजूद है। इन सुविधाओं को छात्र लाइब्रेरी में आकर प्राप्त कर सकें, इसके लिए पर्याप्त संख्या में कम्प्यूटर लगाए गए है। छात्रों को अध्ययन के लिए एक अच्छा वातावरण मिलें इसलिए पुस्तकालय के अन्दर वातानुकूलित स्टडी रूम बनाया गया है। महाविद्यालय के अन्दर खेलकूद के लिए पर्याप्त सुविधाएं विकसित की गई हैं। महाविद्यालय के प्रमुख खेल के मैदान का नाम किंग नसीरूद्दीन हैदर क्रिकेट स्टेडिएम रखा गया है जिसमें बी0सी0आई0 अप्रूवड मिट्टी के द्वारा नेचुरल टर्फ बनाया गया है। महाविद्यालय में बास्केट बाॅल कोर्ट, इन्डोर बैडमिंटन हाल, जिमनेजिएम, बाॅलीबाॅल कोर्ट, कबड्डी, एथलेटिक्स आदि खेलों के लिए सुविधाएं मौजूद हैं। विगत 3 वर्षों में प्रबन्धतंत्र नें कालेज में अनेको नयी सुविधाएं विकसित की हैं जिसक आधार पर हम शिया कालेज को आटोनाॅमस कालेज और सेन्टर आॅफ एक्सिलेंस के रूप में विकसित कर सकें। इन सुविधाओं में योगा एण्ड मेडिटेशन सेंटर, हेल्थ एण्ड मेडिकल सेंटर, वाई-फाई कैम्पस, सी0सी0टी0वी0 कवरेज, डाटा रिसोर्स सेल, आडियो विजुअल स्टूडियो, वातानुकूलित मूट कोर्ट, सेमिनार हाॅल, स्मार्ट क्लास रूम, म्यूजिएम, बाॅटनिकल गार्डन, लीगल एड क्लीनिक, बहुउद्ेषीय सभागार, कम्प्यूटर सेंटर, स्मार्ट क्लास रूम, गल्र्स काॅमन रूम, कैंटीन आदि प्रमुख हैं।
नये भवन और नई सुविधाओ को विकसित करके हमारी कोशिश है कि सत्र 2021-22 में महाविद्यालय का नैक का मूल्यांकन करा लिया जाए जिसके लिए महाविद्यालय के अन्दर एकेडमिक आडिट कराया जा चुका है। कोरोना महामारी के कारण इस प्रक्रिया में बाधा आई है लेकिन कालेज अपनी तैयारियां पूर्ण कर चुका है जिससे बहुत जल्द नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया पूर्ण कर लेगा जिससे अगले सत्र में बी0काम आनर्स, बी0एड0, बी0टी0सी, बी0जे0एम0सी0, बी0सी0ए0 आदि नये पाठ्यक्रम शुरू हो सकें और शिया कालेज एक आटोनाॅमस कालेज में परिवर्तित हो सके।
कालेज के प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष प्रो0 अजीज हैदर नें पत्रकारवार्ता में कहा कि किसी भी कालेज को सेन्टर आफ एक्सिलेंस में परिवर्तित करने के लिए यह आवश्यक है कि उसके पास पर्याप्त भवन, आधुनिक सुविधाएं, बढ़िया लाइब्रेरी के साथ-साथ उत्तम शैक्षिक योग्यता वाले शिक्षक हों। मुझे आप लोगों को यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि विगत 4 वर्षों में प्रबन्ध समिति द्वारा महाविद्यालय में रिक्त शिक्षकों के सभी पदों को भरा गया और उल्लेखनीय बात यह है कि प्रबन्ध समिति नें धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा के आधार पर चयन न करके योग्यता को प्राथमिकता और आधार बनाया जिससे हम कह सकते हैं कि महाविद्यालय के पास उन्नत शैक्षिक योग्यता व उन्नत शोध वाले शिक्षक हैं जो दिन-रात मेहनत करके संस्था को विकसित करने में लगे हुए हैं।
कालेज के प्रबन्धक अब्बास मुर्तजा शम्सी ने कहा कि महाविद्यालय नें आधुनिक परिवेश के हिसाब से अपने को पूरी तरह तब्दील किया है। कालेज द्वारा नये क्रिएटिव और इनोवेटिव तरीके अपनाए जा रहे हैं। प्रत्येक विभाग द्वारा औपचारिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ रोजगारपरक एड-आन कोर्स चलाए जा रहे हैं। विभाग के स्तर पर स्लो ओर एडवांस लर्नर की पहचान की जाती है और स्लो लर्नर के लिए रिमेडियल क्लासेज चलाए जाते हैं। प्रबन्धतंत्र नें महाविद्यालय के स्तर पर बदलाव करते हुए शिक्षक और छात्र के औपचारिक सम्बन्धों को मेन्टर और मेन्टी में बदल दिया है। शिक्षक होनें के साथ-साथ अब वो छात्रों के अभिभावक, मार्गदर्शक और दोस्त की भूमिका में भी हैं। महाविद्यालय के स्तर पर खेल-कूद को नियमित रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रतिवर्ष 4 दिवसीय शियाड खेल महोत्सव का आयोजन होता है जिसमें क्रिकेट, बैडमिण्टन, बास्केट बाॅल, एथलेटिक्स, कबड्डी आदि खेल प्रतियोगिताएं होती हैं। हर वर्ष खतीब-ए-अकबर क्रिकेट टूर्नामेन्ट का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय सहित शहर के सभी प्रमुख कालेजों की टीम भागीदारी करती हैं। महाविद्यालय में कल्चरल प्रोग्राम पर भी नियमित रूप से ध्यान दिया जा रहा है।