यूपी की क़ानून-व्यवस्था को लगा भ्रष्टाचार का दीमक
लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी
राज्य मुख्यालय लखनऊ।यूपी में क़ानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नही रही।क़ानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर सूबे की सत्ता में आई मोदी की भाजपा के लिए सत्ता में आने के बाद क़ानून-व्यवस्था संभाल पाना मुश्किल हुआ।इन्हीं का नारा था ना गुंडा राज ना भ्रष्टाचार अबकी बार मोदी सरकार हवा निकल गईं इस नारे की।ऐसा विपक्षी दलों का आरोप है देखा जाए तो विपक्ष के आरोपो में दम भी है क्योंकि बहने , बेटियाँ , बाप ,भाई ,पति , बेटा , कोई भी सुरक्षित नही रहा चारों ओर अपराधियों का बोलबाला है सूबे में हर रोज़ लूट , हत्याए , गैंगरेप , डकैती की घटनाएँ आम बात हो गई है।अब तक इस मुद्दे पर सरकार से अगर कोई लोहा ले रहा था तो वह कांग्रेस थी लेकिन अब उसमें बसपा का नाम भी जुड़ गया है भले ही बसपा ने प्रेस वार्ता ही की हो पाँच पेज का प्रेसनोट भी जारी किया है सिलसिले वार एक के बाद एक घटनाओं का विस्तार से ज़िक्र किया है।सपा कंपनी ख़ामोशी की चादर ओढ़े सोई हुई है हाँ अगर किसी यादव के साथ कोई घटना हो जाती है तो वह ज़ोरदार तरीक़े से योगी सरकार पर हमला बोलती है यह बात अलग है कि आमचुनाव में यादवों ने भी सपा कंपनी को वोट नहीं दिया था वह भी मोदी की भाजपा के द्वारा एक षड्यंत्र के तहत फैलाएँ गए धार्मिक उन्माद में बह गया था लेकिन फिर सपा कंपनी अपने सहजातिये की लड़ाई लड़ती ही रहती है और जो उसके बँधवा मज़दूर है यानी मुसलमान या अन्य उनके विषय पर वह आक्रमक होती नही दिखती वैसे देखादेखी ट्विटर पर ट्वीट कर अपनी विपक्षी भूमिका को निभा रही है सरकार को लगभग साढ़े तीन साल हो गए है सपा कंपनी का कोई आंदोलन न होना इसको दर्शाता है कि वह राज्य की हालत को लेकर कितनी संवेदनशील है।ख़ैर राज्य की बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को लेकर ठाकुर आदित्यनाथ योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है हालात दिन प्रति दिन बिगड़ते ही जा रहे है तभी तो बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सूबे की बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को लेकर प्रेस वार्ता की जिसमें उन्होंने राज्य की मोदी की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया उनका कहना था कि प्रदेश में न दलित न ब्राह्मण न पत्रकार कोई सुरक्षित नही रहा है।बसपा प्रमुख मायावती के द्वारा सरकार के ख़िलाफ़ बोले गए हमले के बाद सियासी गलियारो में अब राज्य की क़ानून-व्यवस्था पर ज़ोरदार बहस का दौर शुरू हो गया है हालाँकि कांग्रेस बहुत पहले से सरकार की जनविरोधी नीतियों सहित बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था का विरोध कर रही है उसके प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू हर घटना के बाद घटनास्थल पर जाने और परिजनों से मिलने का प्रयास करते है लेकिन सूबे की ठाकुर आदित्यनाथ योगी सरकार का प्रशासन उनको वहाँ जाने से पुलिस के द्वारा रोक लेते है फिर भी वह हार नही मानते है अपने नवनियुक्त संगठन को सड़क पर रखते है इसमे उनका साथ या दिशा-निर्देश कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं यूपी की प्रभारी श्रीमती प्रियंका गाँधी का सक्रिय होना भी बड़ा कारण माना जा रहा है।बलिया में पत्रकार रत्न सिंह की हत्या लखीमपुर खीरी में दलित लड़की के साथ बलात्कार के बाद हत्या होना राज्य की राजधानी लखनऊ में भी हत्या व गोलीबारी होना आम बात हो गईं है राज्य की जनता भयभीत है।राज्य में क़ानून एवं रामराज कैसे स्थापित हो इसको लेकर शासन में मंथन भी हो रहा है लेकिन कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है।क़ानून-व्यवस्था पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों से बात करने पर वह कहते है कि जब तक ज़िलों में तैनात अधिकारियों द्वारा इमानदारी और निष्पक्षता से काम नही किया जाएगा यानी झण्डे का रंग देख कर तब तक हालात सुधरने वाले नही है ज़िलों में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि थाने बेचे जा रहे है जब ज़िले बिकेंगे थाने भी बिकेंगे यह खुलासा एक आईपीएस ने ही किया था अभी एक मामला पश्चिम के बिजनौर जनपद का सामने आया है वहाँ पर तैनात आईपीएस संजीव त्यागी जनपद से तबादला एक्सप्रेस में बिठा कर दूसरे जनपद में भेजने की सूचना मिलने के बाद जनपद में तैनात पुलिस कर्मियों को जिसने जहाँ चहा वहाँ तबादला कर एक करोड़ रूपये बटोर लिए मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया सरकार की बहुत किरकिरी हुई तब जाकर उनको दूसरे जनपद में मिली पोस्टिंग रोकी गईं और उन्हें पुलिस महानिदेशक के कार्यालय में अटैच कर जाँच के आदेश दिए गए जाँच में आरोप सही पाए गए ये हाल है प्रदेश की क़ानून-व्यवस्था संभालने वालों का जब इस तरह के अफ़सर जनपदों में तैनाती पा जाएँगे हालात ऐसे ही होंगे।यहाँ यह भी ज़िक्र करना उचित होगा सारे अफ़सर बेईमान है ऐसा भी नही है लेकिन हाँ ये कहा जा सकता है कि ज़्यादातर अफ़सर बेईमानी की चादर ओढ़कर पूरा धन जुटा रहे है ग्राउंड ज़ीरो पर यह भी जानकारी मिल रही है कि लोगों में यह बात आम है कि जितना भ्रष्टाचार इस सरकार में हो रहा है हमने कभी नही देखा सरकारी दफ़्तरों में किसी काम के लिए चले जाओ बिना पैसे के आपका काम नही होगा पुलिस भी उसी का हिस्सा है पुलिस पर ही क्यों निशाना साधा जाता है उसका भी ग्राउंड ज़ीरो पर ही जवाब मिलता है लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान जितनी गुंडई पुलिस ने की और साथ ही अवैध उगाही की आप कल्पना भी नही कर सकते मास्क नहीं लगा रखा ला इतने पैसे दे दुकान खौल रखी है ला इतने पैसे दे पुलिस महानिदेशक के द्वारा जारी एक प्रेसनोट में बताया गया कि लॉकडाउन का पालन नही करने वालों से पुलिस ने 68 करोड़ 36 लाख रूपये वसूल किए गए इससे यह बात सही साबित होती है हाँ उगाही हुई है जिसने कम दिए वह जेब में और जो नहीं माना उसका चालान नंबर एक में कर दिया शासन को लगा काम हो रहा है तभी तो ग़रीब भूखी प्यासी जनता जिसके पास लॉकडाउन की वजह से दो टाइम के खाने का प्रबंध नही हो पा रहा है उससे इतना राजस्व आ गया लॉकडाउन में यह काम हुआ जिसका काम क़ानून-व्यवस्था बनाना है वह राजस्व जुटाने और अपनी जेबें भरने में लगी है अब उससे छवि तो ख़राब होनी ही है जिसकी वजह से कहने को इमानदार योगी सरकार के दौर में भ्रष्टाचार अपने आख़री चरम पर पहुँच रहा है।अब यहाँ सवाल यह भी उठता है कि जब ठाकुर आदित्यनाथ योगी सरकार इमानदारी का ढोल पीटती है और मान भी लिया जाए कि वह इमानदार है लेकिन इमानदार के शासनकाल में भ्रष्टों की नियुक्तियाँ जनपदों में क्यों और कैसे हो जाती है कौन है वो जो भ्रष्टाचार मुक्त होना दावा करने वाली पार्टी में भ्रष्टाचार का जननी बना है उसकी तलाश होनी चाहिए अगर वास्तव में आप इमानदार है वर्ना इसका सीधा मतलब है कि आप इमानदार होने का ढोंग कर रहे है।लोगों का कहना है कि 2014 के बाद से हालात किसी भी तरह से सही नही है भ्रष्टाचार तो होगा ही क्योंकि दिल्ली में 7स्टार होटल नुमा मोदी की भाजपा का कार्यालय ऐसे ही नहीं बन गया है जिसकी लागत छह हज़ार करोड़ या उससे अधिक बतायी जा रही है और देशभर में छह सौ के क़रीब और भी नए कार्यालय बन रहे है वह पैसा कहाँ से आ रहा है छोटे भ्रष्टाचार की बात सब कर लेते है बड़े पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार पर चर्चा नहीं होती है।कांग्रेस को सब भ्रष्टाचारी कहते है हो सकता है हो भी लेकिन वह आज तक अपना कार्यालय तक नही बना पायी वही सदियों पुराना कार्यालय है 24 अकबर रोड पर जिसे देखकर नही लगता है इस पार्टी का देश में सबसे लंबा कार्यकाल रहा है जैसा कार्यालय छह साल की सत्ता वाली मोदी की भाजपा का अभी बना है।भ्रष्टाचार को देश से सब ख़त्म करने की बात करते है लेकिन करता कोई नही है सिर्फ़ बातें करने से भ्रष्टाचार ख़त्म नही होता।यही वजह है यूपी की क़ानून-व्यवस्था को भ्रष्टाचार की की दीमक लग गईं जो ख़त्म होनी मुश्किल ही नही नामुमकिन है।ठाकुर आदित्यनाथ योगी सरकार को भ्रष्टाचार की इस दीमक का इलाज करना होगा नही तो ये यूपी की क़ानून-व्यवस्था के साथ-साथ मोदी की भाजपा बनाईं गईं छवि को भी निगल जाएँगी जनता जैसे लाती है वैसे ही बैक भी कर देती है समय रहते राज्य की बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को सुधारने के प्रयास करने होंगे नही तो जनता अपना बनाने में देर नहीं करती कि हटाओ इनको हालात सुधारना इनके बस में नही रहे।