किसान आंदोलन का असर: अडानी ग्रुप ने जारी किया विज्ञापन, कहा-“इस दुष्प्रचार के खिलाफ आवाज उठाइए“
नई दिल्ली: जब से नए कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान संगठित हुए हैं और सरकार के साथ कॉर्पोरेट घराने को भी निशाने पर लिया है तब से सरकार के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी उद्योग समूह रिलायंस और अडानी बहुत परेशान हैं| और अब करीब 25 दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच अडानी ग्रुप ने सीधी प्रतिक्रिया दी है| अडानी ग्रुप ने विज्ञापन जारी कर लोगों से अपील की है कृषि कानूनों के खिलाफ दुष्प्रचार के खिलाफ आवाज़ उठाइये|
दरअसल, नए कृषि कानून के आने के बाद पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसानों को डर है कि उनकी जमीन को अडाणी ग्रुप सरीखे अन्य कॉर्पोरेट सेक्टर हथिया लेगी। इसी बात को लेकर किसान डरे हुए हैं और लगातार केंद्र व कॉर्पोरेट सेक्टर के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। अब अडाणी ग्रुप को विज्ञापन के जरिए सफाई देनी पड़ी है। रविवार क दिए अपने विज्ञापन में ग्रुप की तरफ से लिखा गया है, “इस दुष्प्रचार के खिलाफ आवाज उठाइए।“
क्या हैं आरोप
- अडाणी किसानों से सीधे अनाज खरीदता है और जमाखोरी को बढ़ावा देता है।
- अडाणी कॉन्ट्रैक्टर फार्मिंग के माध्यम से किसानों का शोषण करता है।
- अडाणी बड़े पैमाने पर कृषि संबंधी भूमि का अधिग्रहण कर रहा है।
अडाणी ग्रुप की सफाई
- अडाणी ग्रपु कभी भी किसानों से जमीन नहीं खरीदते। हम केवल अनाज को संरक्षित करने हेतु अपनी सेवाएं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को प्रदान करते हैं। एफसीआई को अपनी सेवाएं देने वाली अन्य कंपनियां भी हैं।
- हम इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करते हैं और हमारा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई संबंध नहीं है। जो आधुनिक वर्टिकल अन्न भंडार हमने एफसीआई के लिए बनाए हैं वे केवल कनक (गेहूं) को संरक्षण प्रदान करने हेतु ही बने हैं।
- हमारा कृषि संबंधी भूमि अधिग्रहण का कोई उद्देश्य नहीं है। जो भी आवश्यक भूमि हमारे द्वारा अधिग्रहित की गई है वो केवल एफसीआई के गेहूं को आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित रखने हेतु अन्न भंडार गृहों के निर्माण के लिए किए गए हैं।