सरकार के नुमाइंदे ने कहा, लोगों के खाते में पैसे डालने से हालात सुधरने वाले नहीं
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के कारण भारत के साथ-साथ विश्व की अर्थव्यवस्था में मंदी छाई हुई है। शुक्रवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इस वायरस का देश की इकॉनमी पर असर उम्मीद से कहीं ज्यादा गंभीर है। मांग में भयानक गिरावट आई है। बेरोजगारी संकट के कारण यह आने वाले दिनों में और गहरा सकता है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच Chief Economic Advisor केवी सुब्रमण्यम ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि लोगों के खाते में पैसे डालने से हालात नहीं सुधरने वाले हैं।
इधर राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कई हफ्तों से सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि गरीबों, मजदूरों और एमएसएमई की वित्तीय मदद की जाए। उनका कहना है कि लोगों को खातों में अगले छह महीनों के लिए 7500 रुपये महीने भेजे जाएं और तत्काल 10 हजार रुपये दिए जाएं।