प्रदेश के किसानों ने भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है: दीपेंद्र सिंह हुड्डा
लखनऊ ब्यूरो
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों ने भारतीय जनता पार्टी को हराने का पूरा मन बना लिया है, क्योंकि सत्तारूढ़ दल अपने वादे निभाने में पूर्ण रूप से नाकाम रहा है।
लखनऊ में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल में गन्ने का भाव सिर्फ 25 रुपये बढ़ाने का सरकारी फैसला स्पष्ट दर्शाता है कि यह सरकार किसानों के कल्याण को लेकर कितनी गंभीर है।
उन्होंने कहा कि किसानों को न तो उनकी उपज का सही दाम मिल रहा है न ही उनको वह मान-सम्मान मिल रहा है जिसके वे हकदार हैं। देश भर के किसान पिछले 307 दिनों से 3 नये कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आन्दोलनकर रहे हैं। इस दौरान धरनों पर 700 से ज्यादा किसानों की जान चली गई लेकिन भाजपा सरकार किसानों से बात करने, उनकी बात सुनने तक को राजी नहीं है जो दिखाता है कि बीजेपी सरकार का असली एजेंडा क्या है!
किसानों की बदतर हालत बयां करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से किसानों पर कर्ज बढ़कर लगभग दोगुना हो गया है। सरकार ने खुद संसद में माना है कि 31 मार्च, 2014 को किसानों पर कुल बकाया कर्ज9.64 लाख करोड़ रुपये था जो 31 मार्च, 2021 तक बढ़कर 16.84 लाख करोड़ रुपये हो चुका है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर गंभीर होती तो उसे एमएसपी 25 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करनी चाहिए थी लेकिन वास्तविक वृद्धि केवल 2% थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कर्ज माफी से किसानों को कोई राहत नहीं मिली, क्योंकि उत्तर प्रदेश के किसानों पर ही कुल बकाया कृषि ऋण 2014 में 90,460 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021 में 1,55,743 करोड़ रुपये हो चुका है। पीएम किसान योजना भी फेल साबित हुई है । इसके तहत किसान परिवारों को मिलने वाले महज 500 रुपये प्रति माह से इस भीषण महंगाई में बुनियादी घरेलू खर्चों भी पूरे नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि “2015 में डीजल की कीमत 46.12 रुपये प्रति लीटर थी, लेकिन आज यह लगभग दोगुनी होकर 90 रुपये प्रति लीटर हो गई है और लगभग हर प्रकार की लागत में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, लेकिन सरकार ने किसानों की बढ़ी लागत की कोई भरपाई करने से साफ़ इनकार कर दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि “सरकार के खुद के आंकड़े बताते हैं कि महंगाई के मुकाबले खेती से किसान की आय में 9% की गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर से कम दर पर अगर एमएसपी वृद्धि होती है तो किसान की आमदनी दोगुनी होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि साढ़े चार साल में गन्ने का भाव सिर्फ 25 रुपये बढ़ाने का राज्य सरकार का फैसला किसानों के साथ क्रूर और भद्दा मजाक है। “ऐसा सिर्फ चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है और सालाना वृद्धि के तौर पर देखें तो यह केवल 1.6%है। अगर हम 5% महंगाई वृद्धि को ध्यान में रखें तो भी गन्ने का न्यूनतम भाव 414 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए था। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि गन्ने का भाव बढ़ाकर कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए.
राज्य में आवारा मवेशियों की समस्या उठाते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस समस्या से राज्य का हर किसान प्रभावित है, क्योंकि आवारा मवेशी खेतों में खड़ी फसलों के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। उन्होंने कहा कि “2012 और 2019 के बीच, आवारा मवेशियों की संख्या में 17% की वृद्धि देखी गई है और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। 2019 में इनकी संख्या 10 लाख आंकी गई थी और यह भी तब से अब तक काफी बढ़ चुकी है।
दीपेंद्र हुड्डा ने गुजरात में अडानी के मालिकाना हक़ वाले मुंद्रा बंदरगाह से 17 और 19 सितंबर को दो कंटेनरों से 2,988 किलोग्राम हेरोइनड्रग्स की भारी खेप बरामद होने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि यह न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में कहीं भी बरामद हुई सबसे बड़ी ड्रग्स की खेप है। उन्होंने कहा कि “सरकार ने अब तक केवल छोटी मछलियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बताया कि उन्हें इसके एवज में केवल 10-12 लाख रुपये मिले, जबकि अकेले इस हेरोइन खेप की कीमत लगभग 21,000 करोड़ रुपये है। इस मामले में अभी भी कई सवाल हैं जिनका जवाब मिलना बाकी है। जैसे कि ड्रग्स की इतनी बड़ी खेप गुजरात के रास्ते क्यों भेजी गईं जबकि मंगवाने वाली कंपनी विजयवाड़ा की थी।