भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं इस पर फैसला एक बार फिर टल गया है. CAS अब इस मामले पर फैसला 11 अगस्त को सुनाएगी. विनेश फोगाट ने खुद को डिस्क्वालिफाई करने के बाद आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है कि जहां सुनवाई पूरी हो चुकी है. ताजा अपडेट के मुताबिक, अब 11 अगस्त को शाम 6 बजे तक इस मामले पर फैसला आ सकता है.

विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि गुरुवार 7 अगस्त को होने वाले फाइनल की सुबह वजन नापने के दौरान उनका वेट तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था. ओलंपिक में रेसलिंग का संचालन करने वाली संस्था, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW), के नियमों के मुताबिक कोई भी रेसलर अपने वजन से ज्यादा पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित हो जाता है और मेडल जीतने की स्थिति में होने के बाद भी उसे वो पदक नहीं मिलता.

विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ और 100 ग्राम ज्यादा वजन के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके चलते विनेश को फाइनल में पहुंचने पर कम से कम जो सिल्वर मेडल मिलना था, वो भी उनसे छिन गया और उन्हें सभी पहलवानों में आखिरी स्थान पर रखा गया. इसके बाद विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की, जिसमें सबसे पहले तो फाइनल को रोकने और उन्हें फिर से मौका दिए जाने की मांग की गई थी. CAS ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था और कहा था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश की ओर से अपील में बदलाव किया गया था और संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी.

इस अपील के बाद अगले ही दिन 29 साल की विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था और कहा था कि उनके पास अब आगे लड़ने की ताकत नहीं बची. वहीं इस स्थिति में मेडल से चूकने के बाद पूरे देश में निराशा, दुख और गुस्से का माहौल बन गया था. यहां तक कि संसद में भी ये मामला उठा था और विपक्ष ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा से बात की, जो पेरिस में ही मौजूद हैं. पीएम ने उनसे मामले की पूरी जानकारी मांगी और हर संभव मदद करने को कहा.