देश के संसाधनों का रुख ‘मुट्ठीभर अमीर मित्रों’ की ओर मोड़ा जा रहा है: सुरजेवाला
लखनऊ:
कांग्रेस की भारत जोड़ो पदयात्रा शुरू होने से पहले आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेसवार्ता को संबोघित किया।
प्रेस वार्ता की शुरुआत सुरजेवाला ने उ0प्र0 की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र में स्थित होटल लेवाना में लगी आग से मरने वालों के प्रति अपनी संवेदना और शोक प्रकट और कहा कि मानक न पूरे होने के बावजूद होटल को परमिट देने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए.
सुरजेवाला ने आगे कहा कि आजाद भारत ने रूढ़ियों की बेड़ियों को तोड़कर जड़ता का बबूल नहीं बोया था, उसने विभिन्न धर्मों, खान-पान, पहनावे, भाषा-बोली के बहुलतावाद का बाग लगाया था। मगर पिछले 8 सालों से सत्ता के स्वार्थों के लिए भारत को हर स्तर पर तोड़ा जा रहा है और देश की संपत्ति व संसाधनों का रुख ‘मुट्ठीभर अमीर मित्रों’ की ओर मोड़ा जा रहा है।
कमरतोड़ महंगाई ने हर घर का बजट बिगाड़ दिया है। रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं खरीदना भी अब नामुमकिन हो गया है। युवाओं के वर्तमान व भविष्य को धूमिल कर बेरोजगारी राक्षसी रूप ले चुकी है। अमीर और अमीर तथा नौकरीपेशा-मध्यमवर्ग और गरीब और ज्यादा गरीब हो रहे हैं तथा अमीर और गरीब के बीच की खाई विकराल रूप ले चुकी है। आज फिर महात्मा गांधी के जन आंदोलन को दोबारा खड़ा करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश के वर्तमान हालात को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में एक नारा बुलंद किया है – ‘भारत जोड़ो’ का, जो प्रजातंत्र की गगनचुंबी ऊँचाइयों पर पहुंचेगा और तोड़ने की संस्कृति की तपती धूप में जोड़ने की मनोवृत्ति की शीतल छाया प्रदान करेगा। कश्मीर से कन्याकुमारी तक 7 सितंबर, 2022 से 3570 किलोमीटर की ‘भारत जोड़ो’ पदयात्रा लगभग बारह प्रांत एवं दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी, जो हर भारतवासी के लिए ‘न्याय की हुंकार’ होगी।
उन्होंने कहा कि 45 वर्षों की भीषणतम बेरोजगारी देश में परोस दी गई है। आज भी देश में बेरोजगारी की दर 8.1 प्रतिशत को पार कर रही है। जनवरी से अप्रैल की ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी’ (CMIE) की रिपोर्ट बताती है कि 15 से 19 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 74.84 प्रतिशत है, 20 से 24 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 48 प्रतिशत है और 25 से 29 साल के युवाओं में बेरोजगारी दर 15.55 प्रतिशत है। महिलाओं के लिए तो बेरोजगारी और गंभीर स्वरूप लिए हुए है, 15 से 19 साल 94.50 प्रतिशत, 20 से 24 साल 79.53 प्रतिशत, 25 से 29 साल 48.77 प्रतिशत है।
भाजपा और बेरोजगारी ‘हमसाया’ हैं। भाजपा-निर्मित बेरोजगारी तोड़ो, भारत जोड़ो।
सुरजेवाला जी ने कहा कि भारत की रीढ़ की हड्डी, यानि सूक्ष्म-लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों को तोड़ा गया। RBI ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि नोटबंदी और गलत तरीके से जीएसटी लागू करने से देश के MSME को गहरा झटका लगा। MSME का जीडीपी में हिस्सा 30 प्रतिशत है, मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में हिस्सा 45 प्रतिशत और एक्सपोर्ट में MSME की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। एक अनुमान के अनुसार देश की 60 लाख MSME फैक्ट्रियां हमेशा के लिए बंद हो गईं। करोड़ों रोजगार भी चले गए।
उन्होंने आगे कहा कि महामारी की विभीषिका में 84 प्रतिशत भारतीय घरों की आय कम हो गई, देनदारी बढ़ गई, और दूसरी ओर 142 सबसे अमीर भारतीयों की आय ₹30,00,000 करोड़ बढ़ गई। (मार्च 2020 में ₹23 लाख करोड़ से बढ़कर नवंबर 2021 में ₹53 लाख करोड़)। गुजरात के मोदी जी के एक चहेते मित्र तो अब देखते-देखते दुनिया के तीसरे सबसे अमीर आदमी हो गए। उनकी आय तो 1000 करोड़ रु. प्रतिदिन तक बढ़ी। इसके विपरीत ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट’ ने बताया कि भारत में भुखमरी के हालात ये हैं कि हम पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश से पिछड़ गए हैं, 116 देशों की लिस्ट में हमारा देश 101वें पायदान पर पहुंच गया है।
दिसंबर 2021 में आई ‘‘विश्व असमानता रिपोर्ट’’ का खुलासा और चौंकाने वाला है। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 प्रतिशत धन्ना सेठों के पास देश की कुल आय की 57 प्रतिशत कमाई है। पर निम्न व मध्यम वर्ग की 50 प्रतिशत आबादी के पास देश की कुल आय की केवल 13 प्रतिशत कमाई है। यानि अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब। देश के लोग अब कहने लगे हैं – ‘बढ़ रही असमानता की खाई, बैंक का माल लूट ले गए सत्ता के घरजमाई’।
सुरजेवाला ने आगे बताया कि मोदी सरकार की सत्ता की सरपरस्ती में ₹5,35,000 करोड़ के बैंक फ्रॉड हुए और नियोजित रूप से विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी और संदेसरा बंधु जैसे कई लोगों को देश से भगा दिया गया। यही नहीं, मोदी सरकार के 8 साल में बैंकों का ₹12,06,616 करोड़ का कर्ज भी ‘‘राईट ऑफ’’ कर दिया।
उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में मोदी सरकार के NSO की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि देश में किसानों की औसत आमदनी प्रतिदिन मात्र ₹27 रह गई है, जो मनरेगा मजदूरी से भी कम है। NSO की रिपोर्ट में यह भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आया कि देश के हर किसान पर औसत कर्ज ₹74,000 है। दोगुनी आय करना तो दूर, किसान की आय दसियों गुना कम कर दी गई।
एक तरफ किसान कर्ज में डूबा है, दूसरी ओर भाजपा सरकार किसान कर्जमाफी से इंकार कर मुँह मोड़ रही है। दूसरी ओर डीज़ल की कीमतें आसमान को छू रही हैं। डीज़ल की कीमत साल 2014 में ₹56/लीटर से बढ़ ₹89.76/लीटर हो गई। डीएपी खाद की कीमत ₹1350/बैग हो गई, यूरिया खाद के कट्टे से तो 5 किलो खाद ही चुरा लिया। पहली बार खेती पर टैक्स लगाया – खाद पर 5 प्रतिशत जीएसटी, कीटनाशक दवाईयों पर 18 प्रतिशत जीएसटी, ट्रैक्टर व खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत जीएसटी। अकेले कृषि उत्पादों की कीमत बढ़ा ₹25,000 प्रति हेक्टेयर का बोझ डाल दिया गया।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है, देश के नागरिकों की महँगाई से कमर तोड़ दी गई। सत्ता में आने से पहले जो गैस का सिलेंडर 410 रु. का था, वह आज बढ़कर ₹1090 हो गया है। पेट्रोल की कीमत ₹70/लीटर से बढ़कर ₹96.57/लीटर हो गई है। खाने का तेल ₹200 पार हो गया और दालें ₹80/किलो पार हो गईं।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, बीते दिनों जीएसटी की बर्बर महँगाई की मार से दही, पनीर, लस्सी, आटा, सूखा सोयाबीन, मटर व मुरमुरे भी बच नहीं सके, उस पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगा दिया गया। होटल के 1000 रु. के कमरे पर 12 प्रतिशत जीएसटी, अस्पताल के आईसीयू बेड पर 5 प्रतिशत जीएसटी इतना ही नहीं जीने के लिए सभी आवश्यक चीजों पर जीएसटी लगा कर चैन नहीं मिला तो मरणोपरांत श्मशानघाट निर्माण पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम समूचे देश से आग्रह करते हैं कि भारत के गौरवशाली अतीत को स्वर्णिम भविष्य में बदलने के लिए हम सब कदम से कदम मिलाकर भारत को जोड़ने का संकल्प लें और भारत जोड़ो यात्रा में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।