ममता के दांव के आगे केंद्र हुआ चित, अलापन को इस्तीफ़ा दिलाकर बनाया मुख्य सलाहकार
नई दिल्ली: बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय के तबादले के निर्देश पर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अलापन बंद्योपाध्याय ने आज रिटायरमेंट लेने का निर्णय किया है. वह उनके मुख्य सलाहाकार होंगे, जबकि वर्तमान गृह सचिव एचके द्विवेदी मुख्य सचिव होंगे. वह अलापन बंद्योपाध्याय का जगह लेंगे. अलापन बंद्योपाध्याय की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गयी है और उन्हें मासिक 2.5 लाख रुपए वेतन मिलेंगे. बीपी गोपालिका को नया गृह सचिव बनाया गया है. बता दें कि सीएम ममता बनर्जी के पत्र के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अलापन बंद्योपाध्याय को ज्वाइन करने का निर्देश दिया था. उसके बाद अलापन बंद्योपाध्याय ने रिटायरमेंट का निर्णय लिया है.
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सभी राज्यों और अधिकारियों को एकजुट होकर लड़ाई का आह्वान करते हुए कहा कि दो सिंडिकेट के फैसले के खिलाफ लड़ाई करनी होगी. उन्होंने सभी राज्यों और नौकरशाहों से तानाशाही रवैये के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्टालिन की तरह काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वे लोग हमें तंग करते हैं, लेकिन उनका हौसला नहीं तोड़ पाएंगे. हम लड़ेंगे और जीतेंगे.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रतिशोध के कारण कंस्लटेशन नहीं किया है, वरन केवल इनसल्ट किया है. यह इस कारण किया है कि क्योंकि बंगाल की जनता ने बीजेपी को खारिज कर दिया है. ममता बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव राज्य के सबसे बड़े नौकरशाह है. 74 साल की स्वतंत्रता में कभी भी ऐसा नहीं हुआ था. केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पत्र में यह नहीं बताया गया था कि वह क्यों ज्वाइन करेंगे ? यह प्रतिशोधमूलक आचरण है. इतना निर्मम पीएम और केंद्रीय गृह मंत्री को नहीं देखा है. बता दें कि इसके पहले सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अलापन बंद्योपाध्याय के तबादले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी और तबादले को राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित करार दिया था. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार संघीय व्यवस्था को पूरी तरह बुलडोज करने की कोशिश कर रही है. मोदी सरकार संघीय व्यवस्था और प्रजातंत्र को नष्ट करना चाहती है.
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने 10 मई को पीएम को पत्र देकर मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन माह बढ़ाने की मांग की थी. केंद्र सरकार ने तीन माह का कार्यकाल बढ़ा दिया था. उन्होंने कहा कि कलाईकुंडा में पीएम की बैठक हुई थी, लेकिन उन्होंने कभी भी नहीं कहा था कि उनके साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों दौरा किया था. वह केवल ओडिशा से जाते समय कलाईकुंडा आये थे, ताकि वह वहां दिल्ली जा सके. वहां जाकर उन्होंने पीएम से मुख्य सचिव के साथ मुलाकात की थी.