राष्ट्रपति भवन पहुंचा किसानों के नरसंहार का मामला, डेलिगेशन में प्रियंका भी शामिल
तौक़ीर सिद्दीक़ी
लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हुए किसानों के नरसंहार की घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार आक्रामक तेवर अपनाये हुए है. आज इसी सिलसिले में कांग्रेस पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद के साथ कांग्रेस पार्टी की महासचिव व यूपी इंचार्ज प्रियंका गाँधी वाड्रा भी शामिल रही।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पीड़ित चाहते हैं कि उन्हें इंसाफ मिले। जिसने किसानों की हत्या की है, उन्हें गाड़ी के नीचे रौंदा है उस व्यक्ति का पिता हिन्दुस्तान का गृह राज्य मंत्री है, इसीलिए जब तक वह इस पद पर है, पीड़ितों को सही इन्साफ नहीं मिल सकता। राहुल ने राष्ट्रपति से गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाने के साथ साथ पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के 2 सीटिंग जज की निगरानी में कराने की बात की है.
वहीँ लखीमपुर घटना से चर्चा का केंद्र बनी प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा कि पीड़ितों की सिर्फ एक ही मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, उन शहीद किसानों और पत्रकार के परिजनों का मानना है कि जबतक गृह राज्य मंत्री को पद से हटाया नहीं जायेगा तब तक उन्हें इन्साफ नहीं मिल सकता। प्रियंका ने कहा कि मेरा मानना है कि यह मांग लखीमपुर खीरी में शहीद हुए सिर्फ उन परिवारों की ही नहीं है बल्कि पूरे देश की मांग है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस देश में न्याय की उम्मीद कभी बुझनी नहीं चाहिए और आज हम देख रहे हैं कि सरकार यह सन्देश दे रही है कि अगर आप दलित हैं, किसान हैं, महिला हैं, गरीब हैं तो आपको न्याय नहीं मिलेगा लेकिन अगर सत्ताधारी हैं, भाजपा के मंत्री हैं तो कानून आप पर लागू नहीं होगा।
गौर करने वाली बात यह भी है कि इस तरह के प्रतिनिधिमंडल में प्रियंका गाँधी संभवतः पहली बार शामिल हुईं एक ख़ास बात और कि राष्ट्रपति से इस मुलाकात पर राहुल गाँधी ने बहुत संक्षेप में अपनी बात ख़त्म कर प्रियंका गाँधी को आगे कर दिया और उन्होंने राहुल गाँधी से कहीं ज़्यादा देर तक पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।