दिल्ली:
आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट ने एक बार फिर कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने की धमकी दी है. टीआरएफ ने अपने बयान में कहा है कि हमने जो ये लिस्ट जारी है कि ये उन लोगों की आंख खोलेगी जो कश्मीरी पंडितों के हितैषी बनने की कोशिश करते हैं. इन लोगों ने हमेशा विक्टिम कार्ड खेला है और दोनों तरफ से फायदा लेने की कोशिश की है.

बयान में आगे कहा गया है कि 1990 की शुरुआत में ये IB के लिए काम करते थे, अब ये लोग संघी एजेंडे पर आगे निकल गए हैं. आतंकी संगठन TRF ने जोर देकर कहा है कि ये कश्मीरी पंडित असल में दिल्ली के एजेंट हैं जिन्हें यहां नौकरियां दी जा रही हैं, बड़े पदों पर तैनात किया जा रहा है. TRF दावा कर रहा है कि इन सभी लोगों का जल्द खून बहेगा, इन्हें निशाना बनाया जाएगा.

इससे पहले भी टीआरएफ ने इसी तरह से कश्मीरी पंडितों को धमकी दी है. कुछ दिन पहले ही कहा गया था कि कश्मीर की जमीन पर जिन विदेशी कर्मचारियों के लिए बस्तियां खड़ी की गई हैं, उन्हें कब्रगाह बना दिया जाएगा.

जानकारी के लिए बता दें कि TRF के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ माना जाता है. यह संगठन उस वक्त चर्चाओं में आया था, जब साल 2020 में इसने बीजेपी कार्यकर्ता फिदा हुसैन, उमर राशिद बेग और उमर हाजम की कुलगाम में बेरहमी से हत्या कर दी थी. भारतीय एजेंसियों के मुताबिक कश्मीर में अन्य बीजेपी नेताओं की हत्या के पीछे भी इसी संगठन का हाथ रहा है. या हम ये कह सकते हैं कि घाटी में अब आतंक का दूसरा नाम बन गया है द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF).